भोपाल। वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और मशीन लर्निंग में रोजगार के अत्यधिक अवसर हैं और सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों में ज्यादा संभावनाएं बन रही हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग में ही है। इसी जरूरत को देखते हुए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, (आइआइआइटी) भोपाल की ओर से एम टू एल वर्कशाप का आयोजन शनिवार को मैनिट परिसर में किया गया।
कार्यशाला में मशीन लर्निंग और कगल कांटेस्ट (एक डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता प्लेटफार्म) में शहर के 12 महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भागीदारी की। इस वर्कशाप में विद्यार्थियों को आइटी विशेषज्ञ तनव बजाज के साथ चर्चा करने का मौका मिला। तनव यूनिवर्सिटी आफ ब्रिटिश कोलंबिया और यूनिवर्सिटी आफ टोरंटो, आइआइटी वाराणसी और आइआइटी मद्रास में शोध कार्य कर चुके हैं।
सर्वप्रथम डेटासेट की प्रीप्रोसेसिंग के बारे में सत्र आयोजित किया, ताकि वे मशीन लर्निंग माडल को प्रशिक्षित करने के लिए उपयुक्त हो सकें। तनव ने वर्गीकरण एल्गोरिथम्स और मशीन लर्निंग के पीछे का गणित समझाया। इसके बाद कगल कांटेस्ट हुआ। वर्कशाप में भागीदारी छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मददगार रही। इस प्रतियोगिता का प्रथम चरण केवल शुरुआत है। आगामी चरणों की घोषणा समय-समय पर की जाएगी।
आइआइआइटी, भोपाल के प्रशिक्षण अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्कशाप और प्रतियोगिता का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य उद्योगों से आ रही कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग कौशल की बढ़ती मांग को पूरा करना है। इस क्षेत्र में छात्रों की विशेषज्ञता और प्रवीणता विकसित करने का उद्देश्य है।
कगल कांटेस्ट में निजी कालेज की इंजीनियरिंग छात्रा जाह्नवी साबले को प्रथम पुरस्कार स्वरूप पांच हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार मयंक सिंह को तीन हजार रुपए तथा तृतीय पुरस्कार विनय बोरकर को दो हजार रुपए व प्रमाण पत्र मिला।पुरस्कार वितरण ट्रिपल आइटी के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. जयत्रिलोक चौधरी एवं प्रशिक्षण एवं स्थानन अधिकारी अजय श्रीवास्तव के हाथों हुआ।