भोपाल (राज्य ब्यूरो )। लव जिहाद पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के मध्य प्रदेश सरकार नए नियम बनाएगी। इसके लिए शादी करवाने वाली संस्थाओं को युवक-युवती का पुलिस सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा। पंजीयक मैरिज ब्यूरो, नोटरी और शादी कराने वाली संस्थाओं को पुलिस को इस संबंध में जानकारी देनी होगी।
राज्य के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि कहा कि पुलिस सत्यापन की अनिवार्यता से फर्जी दस्तावेज से होने वाली शादियों पर रोक लगेगी। कोई भी नाम या असली पहचान छुपाकर शादी नहीं कर पाएगा। बता दें, मध्य प्रदेश में लव जिहाद को लेकर कड़ा कानून लागू है , लेकिन शादी के पहले पहचान सुनिश्चित करने में ये नियम प्रभावकारी होंगे।
डा. मिश्रा ने कहा कि बुधवार को ही भोपाल में लव जिहाद का मामला सामने आया था, उसमें पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार लव जिहाद के प्रति गंभीर है। शादी से पूर्व युवक-युवती के पुलिस सत्यापन के बारे में शीघ्र ही फैसला ले लिया जाएगा। लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए यह भी बड़ा कदम होगा। इससे लड़की को दोहरी सुरक्षा मिलेगी। इस संबंध में प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता कानून पहले ही लागू है। पुलिस सत्यापन कराने से इस तरह की शादियों को होने से पूर्व ही रोका जा सकेगा।
लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए मैरिज रजिस्ट्रार ब्यूरो और विवाह की अन्य पंजीयन संस्थाओं को लड़का-लड़की का पुलिस वेरिफिकेशन कराने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। pic.twitter.com/ZyMcJaAdyh
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 15, 2022
उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस सत्यापन करवाने का अर्थ यह कतई नहीं है मौजूदा लव जिहाद कानून प्रभावी नहीं है, लेकिन हम दोहरी सुरक्षा चाहते हैं। इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी श्रद्धा के 35 टुकड़े जैसी घटनाओं को रोका जा सके। डा. मिश्रा के अनुसार प्रदेश में लागू लव जिहाद कानून कितना प्रभावी है, यह आंकड़े ही बता रहे हैं। वर्ष 2021 में जब कानून लागू हुआ था उस साल पूरे प्रदेश में लव जिहाद के 65 प्रकरण दर्ज हुए थे। इस साल अब तक इनकी संख्या 49 है।