JP Hospital Bhopal : भोपाल। भोपाल के जेपी अस्पताल में अगले महीने से 68 तरह की पैथोलॉजिकल जांचें होने लगेंगी। अभी अधिकतम 48 तरह की जांचें ही हो पा रही हैं। जांच की संख्या बढ़ाने और गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पतालों और कुछ सिविल अस्पतालों को मिलाकर 83 अस्पतालों में यह सुविधा शुरू की जाएगी। सबसे पहले जेपी अस्पताल में यह सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए पुरानी लैब को और बेहतर बनाया जा रहा है। इसके लिए कंपनी का चयन किया जा चुका है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि बाद में जांचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिला अस्पतालों में 112 तरह की जांचें हो सकेंगी। निवेश करने वाली कंपनी खुद मशीनें लगाएगी। यह मशीनें यूएस एफडीए (फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) से मान्यता प्राप्त होंगी। जांच के लिए उपयोग होने वाले रीएजेंट्स (केमिकल्स) नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड पर लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त होंगे। सभी जांचें स्वचलित मशीनों से होंगी।
सैंपल लेने के बाद पूरा काम मशीनों से होगा। ऐसे में जांच में किसी तरह गलती की आशंका नहीं रहेगी। जांचों की गुणवत्ता बेहतर रखने के लिए हर छह महीने में मशीनों का मापांकन (कैलिब्रेशन) कराया जाएगा। दूसरा, एम्स दिल्ली व अन्य संस्थानों सैंपल लाकर जांच कराई जाएगी। तीसरा, लैब में जांचें गए कुछ सैंपलों की दूसरी लैब में जांच कराई जाएगी।
निःशुल्क रहेंगी सभी जांचें, ऑनलाइन मिलेगी रिपोर्ट
पीपीपी से जांचें शुरू होने के बाद भी सभी जांचें अभी की तरह मुफ्त रहेंगी। अधिकारियों के मुताबिक सरकार पर भी कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा, बल्कि खर्च कम हो जाएगा।
खर्च कम होने की वजह यह कि सरकार को न मशीनें खरीदना पड़ेंगी न रीएजेंट्स, मशीनों की मरम्मत भी कंपनी खुद कराएगी। मौजूदा लैब टेक्नीशियन व अन्य कर्मचारियों को पीपीपी से बनने वाली लैब में पदस्थ किया जाएगा। मरीजों को कप्यूटराइज रिपोर्ट दी जाएगी। ऑनलाइन व एसएमएस के जरिए रिपोर्ट देने की सुविधा भी रहेगी।
यह जरूरी जांचें भी हो सकेंगी
एचबीए1सी- डायबिटीज की जांच
थायराइड- टी3, टी4 व टीएसएच हार्मोन की जांच
विटामिन डी व विटामिन बी12 - विटामिन की कमी पता करने के लिए
टार्च टेस्ट- बार-बार गर्भपात होन पर की जाने वाली जांच
सीपीके एमबी- हार्ट की जांच
एलडीएच- मांसपेशियों की बीमारी से जुड़ा टेस्ट
हीमोफीलिया व थैलासीमिया की जांच
अभी कहां कितनी जांचे होती हैं
जिला अस्पताल- 48
सिविल अस्पताल- 32
सीएचसी - 28
पीएचसी - 16
जिला अस्पतालों में जांच की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके लिए कंपनी का चयन हो चुका है। जेपी अस्पताल से इसकी शुरुआत होगी। करीब 68 तरह की जांचें जिला अस्पतालों में हो सकेंगी। प्रशांत मलैया, उप संचालक, मप्र स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी