International Mother Language Day : मध्य प्रदेश में पांचवीं कक्षा तक के बच्चे मातृभाषा में कर सकेंगे पढ़ाई
राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से स्थानीय भाषा में किताब तैयार कर आगामी शैक्षणिक सत्र में वितरण की जाएंगी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Tue, 21 Feb 2023 07:16:54 AM (IST)
Updated Date: Tue, 21 Feb 2023 08:21:07 AM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को उनकी मातृभाषा कोरकू, सहरिया, बैगानी, गोंडी में पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए दस स्थानीय भाषाओं में किताबों का अनुवाद किया गया है। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने 50 किताबों को स्थानीय भाषा में तैयार करा लिया। इसे प्रकाशन के लिए भेजा गया है। किताबें आगामी सत्र में बच्चों को वितरित की जाएंगी। इसके लिए किताबें भी तैयार की जा रही हैं। सहायक वाचक भी तैयार किए हैं, जो बच्चों को उनकी भाषा में पढा़एंगे। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब इन आदिवासी क्षेत्रों में हिंदी में पढ़ाई कराई जाती है तो बच्चे समझ नहीं पाते हैं। इस कारण उनकी बोली में हिंदी भाषा की किताबों को अनुवाद कर पढ़ाया जाएगा।
इन स्थानीय व क्षेत्रीय भाषाओं में किताबें होंगी
10 स्थानीय व क्षेत्रीय भाषाओं में किताबें तैयार की जाएंगी। इसके तहत दस स्थानीय व चार क्षेत्रीय भाषा बुंदेलखंडी, बघेली, मालवी व निमाड़ी में होगी। छह आदिवासी भाषा बैगानी, बारेली, गोंडी, कोरकू, भीली व सहरिया में हिंदी को अनुवाद किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से स्थानीय और आदिवासी भाषाओं में परामर्शी को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। हर जिले में परामर्शी होंगे, जहां वहां नियुक्त होने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।
प्राथमिक कक्षाओं के लिए 50 किताबें तैयार की गई हैं। इसमें हिंदी भाषा को स्थानीय भाषा में तैयार किया गया है। इसमें दस क्षेत्रीय और आदिवासी भाषाओं को शामिल किया गया है।
- डा. लोकेश खरे, सलाहकार हिंदी विभाग, राज्य शिक्षा केंद्र
प्राथमिक कक्षा तक जहां जो भी स्थानीय भाषा है, उसी में पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए किताबें तैयार की जा रही हैं और परामर्शी भी नियुक्त होंगे।
- धनराजू एस, संचालक राज्य शिक्षा केंद्र