Monsoon in MP: लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ बने मानसून की राह में रोड़ा
Monsoon in MP: पश्चिमी विक्षोभ के आगे गुजरने के बाद वातावरण में नमी आने से सात-आठ जुलाई से मप्र में बारिश की गतिविधियों में तेजी आने के आसार।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 04 Jul 2021 02:48:07 PM (IST)
Updated Date: Sun, 04 Jul 2021 02:52:22 PM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि), Monsoon in MP। तय समय से पहले ताबड़तोड़ ढंग से मध्य प्रदेश में दाखिल हुआ दक्षिण-पश्चिम मानसून अचानक शिथिल पड़ गया। हालात यह हैं कि जून माह बीतने के बाद भी अभी देश के कई राज्यों में मानसून पूरी तरह नहीं पहुंच सका है। उधर मानसून के ठिठकने के कारण किसान चिंतत हो गए हैं। अपेक्षित बारिश नहीं होने से खरीफ फसल की बाेवनी पिछड़ गई है। मौसम विज्ञानी मानसून की बेरुखी का कारण लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ को बता रहे हैं। साथ ही आठ जुलाई के बाद मानसून के आगे बढ़ने की संभावना भी जता रहे हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक इस सीजन की अभी तक कुल 171.7 मिलीमीटर बरसात हुई है। यह सामान्य (154.9 मिमी.) की तुलना में 11 फीसद अधिक है। हालांकि प्रदेश में मानसून की असामान्य बारिश होने से 17 जिलों में पानी की जबर्दस्त दरकार बन गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून के आगे बढ़ने के बाद अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम नहीं बना। इससे मानसून को आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल सकी। इस वजह से मानसून सीजन में बनने वाली मानसून द्रोणिका (ट्रफ) अभी मजबूत स्थिति में नहीं आ सकी है। उधर मानसून की राह में सबसे बड़े अड़ंगा लगातार उत्तर भारत की तरफ आ रहे पश्चिमी विक्षोभ बने हुए हैं। अमूमन मानसून सीजन के शुरू होने के बाद पश्चिमी विक्षोभ श्रीनगर के बाद रूस की तरफ बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार अभी तक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में काफी नीचे की तरफ आ रहे है। वर्तमान में भी एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान पर बना हुआ है। दरअसल पश्चिमी विक्षोभ के प्रदेश करने के साथ हवा का रुख पश्चिमी हो जाता है, जबकि मानसून को आगे बढ़ने के लिए उत्तर भारत में पूर्वी हवा का होना जरूरी है। हवा की दिशा पश्चिमी होने से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
चार दिन बाद शुरू होगा बारिश का सिलसिला
शुक्ला के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के आगे गुजरने के बाद वातावरण में नमी आने से सात-आठ जुलाई से मप्र में बारिश की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। इस दौरान मानसून भी कुछ आगे बढ़ने लगेगा। 11-12 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं। इसके प्रभाव से जुलाई के दूसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात होने की संभावना है।