मप्र में हर 200 किमी पर एक एयरपोर्ट और विकासखंड स्तर पर बनेंगे हेलीपैड, नई विमानन नीति में होगा प्रावधान
प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी योजना उड़ान के तहत कम दूरी की उड़ानें संचालित की जा रही हैं। वहीं छोटे शहरों से भी दो राज्यों के बीच उड़ान शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार ने हर 200 किमी पर एयरपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है।
By Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 20 Nov 2024 02:12:48 PM (IST)
Updated Date: Wed, 20 Nov 2024 03:24:36 PM (IST)
भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट (प्रतीकात्मक चित्र) HighLights
- फिलहाल मध्य प्रदेश के 31 जिलों में हवाई पट्टी है।
- धार्मिक पर्यटन के लिए छोटे विमानों का संचालन।
- मप्र सरकार बना रही अपनी नई विमानन नीति।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रत्येक 200 किमी पर एक एयरपोर्ट बनाया जाएगा। ये एयरपोर्ट पीपीपी मोड पर बनाए जाएंगे। वहीं, 150 किमी की दूरी पर हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी, ताकि प्रदेश में जिला स्तर पर सुदूर अंचल में पहुंचने के लिए हवाई यातायात उपलब्ध हो सके। हवाई पट्टियों का विकास होने से पर्यटन और उद्योग की संभावनाएं विकसित होगी।
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार अपनी नई विमानन (एविएशन) नीति बना रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने कार्ययोजना बनाकर काम करेगी। इसमें यातायात को सुगम बनाने के लिए हवाई सेवाओं के विस्तार पर फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक विकासखंड स्तर पर एक हेलीपैड बनाया जाएगा। यह कार्य लोक निर्माण विभाग करेगा।
बढ़ेगी रीजनल कनेक्टिविटी
प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी योजना उड़ान के तहत कम दूरी की उड़ानें संचालित की जा रही हैं। वहीं छोटे शहरों से भी दो राज्यों के बीच उड़ान शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार ने हर 200 किमी पर एयरपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है।
यहां हैं हवाई पट्टी
प्रदेश के 55 जिलों में से 31 जिलों में हवाई पट्टी है। इसके अलावा सार्वजनिक संगठनों और निजी क्षेत्रों की हवाई पट्टियां भी हैं। इनमें दमोह (डायमंड सीमेंट), शहडोल (ओरिएंट पेपर मिल), नागदा (ग्रेसिम) हवाई पट्टी हैं। इन्हें जेट विमान के उड़ान योग्य तैयार किया जा रहा है। इनके अलावा इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, छतरपुर (खजुराहो) एवं जबलपुर में राष्ट्रीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआइ) के हवाई अड्डे हैं।
छोटे विमान भी चलेंगे
धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए छोटे विमान संचालित किए जाएंगे। धार्मिक एवं अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को वायु सेवा से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग वेंचुरा, अर्चना एयरवेज जैसी सहायता प्राप्त योजनाएं लाने जा रहा है। विमानन विभाग और पर्यटन विभाग के बीच सहमति बन गई है। पर्यटन विभाग पीपीपी के तहत छोटे रूट पर विमानों का संचालन शुरू करने पर काम कर रहा है।