Heavy Rain Red Alert in MP : भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। गहरा कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में ग्वालियर-गुना के आसपास बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस वेदर सिस्टम के प्रभाव से गुना, श्योपुर, शिवपुरी जिले और उज्जैन संभाग के जिलों में भारी बरसात का खतरा बरकरार है। उधर राजधानी और आसपास 22 जुलाई से लगातार बादल बने हुए हैं, लेकिन झमाझम बारिश के लिए लोग तरस गए हैं। रोजाना रुक-रुक कर बौछारें ही पड़ रही हैं। उधर 11 दिन बाद मंगलवार को दोपहर में कुछ देर के लिए सूरज की झलक भी दिखी। दोपहर बाद शहर में फिर रुक-रुक कर बौछारें पड़ने लगी थीं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा के मुताबिक पिछले दिन से गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तरप्रदेश और उससे लगे उत्तरी मध्यप्रदेश पर बना हुआ है। वर्तमान में यह वेदर सिस्टम उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश पर सक्रिय है। इसके प्रभाव से ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग में भारी वर्षा होने का खतरा बरकरार है। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों दो दिन से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
उधर मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में 56, होशंगाबाद में 22, टीकमगढ़ में आठ, रतलाम में पांच, शाजापुर में तीन, खजुराहो, ग्वालियर में 1.8, मलाजखंड, सतना में एक, भोपाल में 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई। मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 26.1 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से तीन डिग्रीसे. कम रहा, लेकिन सोमवार के अधिकतम तापमान (23.9 डिग्रीसे.) की तुलना में 2.2 डिग्रीसे. अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया।
चार वेदर सिस्टम सक्रिय, अरब सागर से मिली रही नमी
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में ग्वालियर के आसपास बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र बना है। मानसून ट्रफ भी गंगानगर से ग्वालियर के पास बने सिस्टम, वाराणसी, गया से अरुणाचल प्रदेश तक बना है। पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास बना हुआ है। इस तरह इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से बारिश का सिलसिला बना हुआ है। साथ ही औसत 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण अरब सागर से नमी भी आ रही है। इससे राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक बौछारें पड़ रही हैं।