Bhopal Health News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। पिछले दो दिन से मौसम का मिजाज बदलने की वजह से राजधानी भोपाल में सर्दी, खांसी और गले में संक्रमण के मरीज बढ़ गए हैं। सुबह कोहरा पड़ने की भी संभावना है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाएगी। चिकित्सकों की सलाह है कि भीगने से बचें। शरीर ठंडा होने पर वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। दूसरी सावधानी यह रखें कि रात में ठंडी चीजें न खाएं।
हमीदिया अस्पताल के नाक, कान एवं गला विभाग सह प्राध्यापक डॉ. यशवीर जेके ने कहा कि बार-बार मौसम में बदलाव की वजह से गले में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। अन्य दिनों के मुकाबले शनिवार को ओपीडी में लगभग दोगुने मरीज पहुंचे। उन्होंने बताया कि कई मरीजों को यह डर रहता है कि उन्हें कोरोना का संक्रमण तो नहीं हो गया। लिहाजा वह कुछ एंटीबायोटिक और विटामिंस की दवाई खाकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सर्दी-खांसी के साथ बुखार नहीं है, तो तुरंत एंटीबायोटिक खाने की जरूरत नहीं है। कम से कम 48 घंटे इंतजार कर लेना चाहिए! अगर सामान्य संक्रमण होगा तो इतनी अवधि में कम हो जाएगा या ठीक हो जाएगा।
इसी तरह से जेपी अस्पताल के नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ. बलराम उपाध्याय ने भी कहा कि कोरोना को लेकर मरीजों में बहुत ज्यादा डर है। साधारण सर्दी-जुकाम होने पर भी मरीज कोरोना की जांच कराने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि कोरोना की संक्रमण दर पहले की तुलना में कम हो रही है।
सर्दी-खांसी के साथ बुखार हो तो जांच कराने में देरी न करें
छाती व श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ पीएन अग्रवाल ने कहा कि डर ही हमारा बचाव करता है। स्वाइन फ्लू हो या कोरोना वायरस, डर के चलते ही लोगों में इन बीमारियों के प्रति जागरूकता आई है। सर्दी-खांसी के साथ बुखार हो तो इसे हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। कोरोना के संक्रमण में करीब 80 फीसद लोगों को बुखार आता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर कोरोना की जांच जरूर करानी चाहिए। दूसरी सलाह यह है कि इस तरह के लक्षण दिखने पर घर में खुद को अलग कर लें, ताकि परिवार के अन्य लोगों को संक्रमण का खतरा न रहे।