नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बदलते मौसम के चलते लोग बीमार हो रहे हैं। जिसके चलते एम्स भोपाल में आठ मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण भी रुका हुआ है। यहां मरीज और डोनर संक्रमित हो गए हैं, जो डाक्टर की निगरानी में है और उनको पूरी तरह स्वस्थ्य करने के लिए जांच और दवाइयां दी जा रही हैं। जब तक मरीज और डोनर पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते, तब तक किडनी प्रत्यारोपण नहीं हो सकेगा। बता दें कि एम्स भोपाल में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आठ मरीज इंतजार में हैं। इन मरीजों के लिए अंगदानदाता नहीं मिल रहे थे, जिससे मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा था।
दरअसल, एम्स भोपाल पहले भी किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर चुका है। अंगदान को बढ़ावा देने की लोगों से अपील की जाती है। लोगों को अंगदान के लिए आगे आना चाहिए। अंगदान से ही लोगों के जीवन को बचाया जा सकेगा, लेकिन अंग दान को लेकर लोगों में झिझक बनी हुई है। चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद कई लोग अंग दान के लिए आगे नहीं आते हैं, जिससे जरूरतमंद मरीजों और उपलब्ध दाताओं के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है। एक व्यक्ति आठ लोगों को जीवनदान देकर उनके जीवन को बचा सकता है, इसलिए अंग दान के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाना जरूरी है।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. डा. अजय सिंह ने बताया कि प्रत्यारोपण के दौरान यह बात ध्यान रखी जाती है कि मरीज और डोनर को किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं होना चाहिए। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से अभी एम्स होने वाले किडनी प्रत्योपण के लिए मरीज और डोनर को संक्रमण मुक्त करने के लिए दवाइयां दी जा रही है।