राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। आरक्षण और तुष्टीकरण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस में ठन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उन्हें आतंकवादियों का हिमायती मानते हैं, पर डबल इंजन की सरकार होने पर मुझ पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। उनकी इस 'कमजोरी' पर हमें निराशा होती है।
दरअसल, सिंह ने 'कमजोरी' की जगह अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया था। इस पर वीडी शर्मा ने प्रतिक्रिया में कहा है कि, 'आज जब मोदी सरकार में एससी, एसटी वर्ग के लोग सशक्त हो रहे हैं तो दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के लोग परेशान हैं। अगर दिग्विजय सिंह अजा और अजजा का हक छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं तो ऐसी कमजोरी हमें स्वीकार्य है।'
यहां शनिवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के कार्यालय में पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में दिग्विजय सिंह ने यह बात कही। पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उन्हें आतंकवादियों का हिमायती और विधायक रामेश्वर शर्मा नया जिन्ना कहते हैं। वह छतरपुर घटना के बाद 'आईएनडीआइए' की छह सदस्यीय टीम के दौरे के बाद घटना की वस्तु स्थिति की जानकारी मीडिया को दे रहे थे।
बता दें कि विधायक शर्मा ने मीडिया से चर्चा में दिग्विजय सिंह को 'नया जिन्ना' बताते हुए भगवान गणेश से उन्हें सद्बुद्धि देने की बात कही है। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मुसलमानों को मदरसों में पढ़ाकर उन्हें एसपी कलेक्टर बनाया या जिहादी उन्हीं से पूछ लो। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिग्विजय को आतंकवादियों का हिमायती बताया।
छतरपुर में 21 अगस्त को कुछ लोगों ने थाने का घेराव और पथराव किया। इसके विरोध में पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। इस पर कांग्रेस व 'आईएनडीआईए' के अन्य सदस्यों ने मीडिया से कहा कि लाठीचार्ज पहले अजा के संगठनों के प्रदर्शन पर फिर मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शन पर हुआ। इससे प्रशासन की असंवेदनशीलता और गैर जिम्मेदाराना आचरण दिखता है।
मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारी ज्ञापन के माध्यम से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के विरोध में एफआईआर दर्ज करवाना चाहते थे। पुलिस-प्रशासन के इस आचरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उपद्रव की उच्च स्तरीय जांच हो ताकि अपराधी तत्वों की पहचान हो सके।
पुलिस द्वारा मुस्लिम समुदाय के अपराधियों को घेर कर पूरे बाजार में उन्हें पीटते हुए जुलूस निकालना और उनसे आपत्तिजनक नारे लगवाने और मकान गिराने की कार्रवाई गलत थी। जिन आरोपितों का पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं है तो इस घटना के आधार पर उन पर कठोर धाराओं को वापस लिया जाए। भय का वातावरण खत्म किया जाए। छतरपुर सहित जहां जहां भी बुलडोजर चला है, वहां पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।