राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नीट परीक्षा 2024 को लेकर आरोप लगाया कि इस परीक्षा में हुआ घोटाला मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले का ही राष्ट्रीय स्वरूप है। यह राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की कार्यप्रणाली पर न सिर्फ संदेह पैदा करता है बल्कि उसे दोषपूर्ण और भ्रष्टाचार से युक्त भी दर्शाता है।
सिंह ने कहा कि कठोर कानून बनने के बाद मेडीकल कालेज में प्रवेश के लिए आयोजित नीट जैसी बड़ी परीक्षा में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा राष्ट्रव्यापी घोटाला किया जाना सरकार और परीक्षा एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। पटना में एफआइआर होने के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
दिग्विजय ने सवाल उठाए हैं कि पांच मई 2024 को नीट की परीक्षा थी तो चार मई को ही पटना में इसका पेपर कैसे लीक हो गया और छह मई को पटना में पकड़े गए लोगों पर एफआइआर दर्ज होने के बाद सरकार ने कोई कदम क्यों नही उठाया। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने इस परीक्षा की तिथि नौ फरवरी से नौ मार्च 2024 तय की थी। फिर इसे 16 मार्च तक बढ़ाया गया। फिर क्या कारण था कि 10 अप्रैल को एक दिन के लिए फिर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन विंडो को खोला गया।
उन्होंने कहा कि जब इस परीक्षा का रिजल्ट आता है तो 67 छात्रों को 720 में से पूरे 720 अंक कैसे मिल गए। जबकि, 720 में से 720 अंक पाने वाले छात्र वर्ष 2020 में केवल दो, वर्ष 2021 में तीन, वर्ष 2022 में कोई नहीं और वर्ष 2023 में भी दो थे। पिछले वर्ष की तुलना में टॉपर्स ऑल इंडिया रेंक-1 की संख्या में 5625 प्रतिशत की वृद्धि कैसे हुई। क्या यह अप्रत्याशित नहीं है।
प्रश्नों के दो तरह के उत्तर होने के विवाद को लेकर 1563 छात्र न्यायालय गए और उन्हें ग्रेस अंक दिए गए, तो क्या जो छात्र न्यायालय नहीं जा सके, यह उनके साथ अन्याय नही हुआ? हरियाणा के झज्झर स्थित एक ही परीक्षा केंद्र के आठ छात्रों ने कैसे इस परीक्षा में 720 में से 720 अंक हासिल कर लिए, जबकि, इनमें से एक छात्र तो 12 वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया था।
ओडिशा, कर्नाटक और झारखंड के छात्रों ने गुजरात का गोधरा सेंटर चुना था। पेपर एक दिन पहले टेलीग्राम पर लीक हो गया था। इसके साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद एजेंसी ने कोई भी गड़बड़ी होने से क्यों इनकार कर दिया? दिग्विजय ने सरकार से मांग की है कि पूरी परीक्षा को निरस्त करके फिर आयोजित किया जाए और निष्पक्ष से जांच कराकर दोषियों को कठोरतम दंड दिया जाए।