Dhar Dam Leakage: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। धार जिले के कारम बांध की पाल का निर्माण अक्टूबर अंत से फिर शुरू किया जाएगा। जल संसाधन विभाग ने बांध से कैनाल बनाकर पानी बहाए जाने से 15 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। इसकी भरपाई बांध का निर्माण कर रही सारथी कंपनी को ही करनी पड़ेगी। उसे अगले साल तक बांध बनाना होगा। हालांकि कंपनी को अब दूसरे काम नहीं दिए जाएंगे।
ज्ञात हो कि 45 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) क्षमता वाले इस बांध में 15 एमसीएम पानी भरने पर 11 अगस्त को पाल से पानी रिसने लगा था। सतर्कता बरतते हुए सरकार ने खरगोन और धार जिले के 18 गांवों को खाली कराया और बायपास चैनल बनाकर 14 अगस्त को पानी खाली किया। इसी कंपनी से राहत और बचाव का पूरा खर्च भी सरकार वसूलेगी।
ठेकेदार बांध की टूट चुकी पाल की मरम्मत करते हुए नए सिरे से पूरा निर्माण करेगा। इस बार विभाग के अधिकारी-कर्मचारी निर्माण कार्य पर पैनी नजर रखेंगे। वहीं जल्द से जल्द काम पूरा कराया जाएगा क्योंकि निर्माण के लिए एक साल का अतिरिक्त समय पहले ही दिया जा चुका है, जो अगस्त 2022 में पूरा भी हो गया है। बांध की ऊंचाई कम करने पर विचार किए जाने की बात भी सामने आई है।
ज्ञात हो कि 304 करोड़ रुपये की कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत बांध का निर्माण करीब सौ करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। बांध की पाल से पानी रिसने की घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि बांध निर्माण में गड़बड़ी हुई है और विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी ठीक से निगरानी नहीं की।
वर्ष 2018 में बांध के निर्माण का ठेका दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। कंपनी ने अपना कमीशन निकालकर काम ग्वालियर की सारथी कंपनी को सौंप दिया और उसने एक अन्य ठेकेदार को, यही निर्माण कर रहा था। दोनों कंपनियों को सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर पंजीयन निरस्त कर दिया है। वहीं विभाग के आठ अधिकारियों को निलंबित किया है।
ये गड़बड़ियां पाई गईं
जल संसाधन विभाग के अपर सचिव आलोक कुमार की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय जांच दल ने बगैर किसी कार्ययोजना के नाला बंद करने के निर्णय को गलत ठहराया है। ट्रंकेटेड सेक्शन खड़ा करने में मापदंड का पालन नहीं किया। इससे अनेक स्थानों से पानी रिसने लगा। बांध की दायीं ओर डाउन स्ट्रीम में मिट्टी स्लिप होने से बांध क्षतिग्रस्त हुआ है।
इसलिए कंपनी से कराया जा रहा काम
सार्थक कंपनी को अगस्त में बांध का निर्माण पूरा करना था। सरकार करीब 70 प्रतिशत राशि का भुगतान कर चुकी है इसलिए कंपनी से ही अधूरा काम पूरा करवाया जा रहा है।
इनका कहना है
काम उसी कंपनी से कराएंगे और कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जाएगी। बायपास चैनल बनाने में कंपनी की ही मशीनरी का इस्तेमाल किया था।
- एमएस डाबर, प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग