भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। कोरोना की दूसरी लहर में प्रभावित हुई बाघों की गिनती (बाघ आकलन 2022) की तैयारियों ने फिर गति पकड़ ली है। वन्यप्राणी मुख्यालय ने पहले चरण की गिनती अक्टूबर माह में कराने की तैयारी कर ली है। इसके लिए मास्टर प्रशिक्षक तैयार किए जाने हैं जिनका प्रशिक्षण 17 अगस्त से शुरू हो रहा है। बाघों की संख्या के मामले में इस बार भी मध्य प्रदेश के देश में अव्वल रहने की उम्मीद की जा रही है। अधिकारियों का अनुमान है कि आंकड़ा 526 से बढ़कर 700 तक पहुंच सकता है।
भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून चार साल में एक बार बाघ आकलन कराता है। पिछला आकलन वर्ष 2018 में हुआ था जिसमें मध्य प्रदेश में 526 बाघों की गिनती हुई थी, जो देश में सबसे ज्यादा थे। तय अवधि के तहत अगला बाघ आकलन वर्ष 2022 में होना है।
इसकी तैयारी पिछले एक साल से चल रही है, पर कोरोना की वजह से प्रदेश में तैयारी प्रभावित हुई थी। प्रदेश में अक्टूबर 2021 से फरवरी 2022 के दौरान बाघों की चार चरणों में गिनती होगी। इसलिए मास्टर प्रशिक्षक और फिर संरक्षित व गैर संरक्षित क्षेत्रों में कर्मचारियोें को प्रशिक्षण्ा देकर गिनती के लिए तैयार किया जाना है। पहले और तीसरे चरण की गिनती दिसंबर 2021 तक पूरी करना है, इसलिए ताबड़तोड़ तैयारियां चल रही हैं।
30 हजार कर्मचारी करेंगे गिनती
वर्ष 2018 में 25 हजार कर्मचारियों ने बाघों की गिनती की थी और 4500 ट्रैप कैमरे लगाए थे। इस बार टाइगर स्टेट को लेकर कर्नाटक से मुकाबला है। इसलिए 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी मैदान में उतारे जाएंगे और पांच हजार से ज्यादा कैमरे लगेंगे ताकि एक-एक बाघ गिना जाए। आखिर सवाल 'नाक" का है।
फिर सिरमौर बनेगा मध्य प्रदेश
प्रदेश के सभी छह टाइगर रिजर्व में इसी साल जनवरी में बाघों की गिनती के बाद वन अधिकारी उत्साह में हैं। उनका कहना है कि इस बार भी प्रदेश देश में पहले नंबर पर रहेगा। गिनती में प्रदेश में सात सौ के आसपास बाघ मिलने का अनुमान है।
किस चरण में क्या होगा
पहला चरण : सात दिन कर्मचारी जंगल में तय ट्रांजिट लाइन पर चलकर बाघ के पगमार्क, मल, पेड़ों पर खरोंच और घास में बैठने या लेटने के निशान देखकर क्षेत्र में उसकी उपस्थिति दर्ज करेंगे।
दूसरा चरण : वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक उस क्षेत्र का सेटेलाइट से लिए गए डाटा का अध्ययन करेंगे।
तीसरा चरण : ट्रैप कैमरे से बाघों के फोटो लिए जाएंगे जिनका बाद में वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक आपस में मिलान करेंगे।
चौथा चरण : सिर्फ टाइगर रिजर्व के अंदर विचरण करने वाले बाघों की गिनती होगी।
इनका कहना है
कोरोना के कारण बाघ आकलन की तैयारी प्रभावित हुई थी, पर अब पूरी क्षमता से हम बाघों की गिनती करेंगे। अगस्त में प्रशिक्षण और अक्टूबर में गिनती होगी।
- आलोक कुमार, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्य प्रदेश