Loksabha Election 2024 राज्य ब्यूरो, भोपाल। विधानसभा चुनाव में करारी हार से निराश कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया सहित दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतार सकती है। कुछ ऐसे नेताओं को भी चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है, जो विधानसभा चुनाव में हार गए थे। इनमें केपी सिंह, कमलेश्वर पटेल, तरुण भनोत, हिना कांवरे सहित अन्य नेताओं के नाम प्रमुख हैं। इसके लिए पार्टी द्वारा लोकसभा क्षेत्रवार कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। 31 जनवरी तक लोकसभा समन्वयकों से पदाधिकारियों के साथ बैठक करके संभावित दावेदारों के नाम देने के लिए कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई जिला और ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्षों की बैठक में दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की बात सामने आई थी। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि इनके चुनाव लड़ने से कार्यकर्ता उत्साहित होंगे और वातावरण बनेगा। वैसे भी भाजपा जिस तरह से चुनाव की तैयारी कर रही है, उससे मुकाबला करने के लिए दिग्गज नेताओं के अनुभव की आवश्यकता है।
छिंदवाड़ा कमल नाथ का गढ़ है और भाजपा इसमें सेंध लगाने का हर संभव प्रयास कर रही है। यह प्रदेश का एक मात्र जिला है, जिसकी सभी सातों विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। अभी यहां से कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ सांसद हैं। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि कमल नाथ को लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से चुनाव लड़ाया जा सकता है। यद्यपि, वे राज्य सभा सदस्य हैं और उनका कार्यकाल नौ अप्रैल 2024 तक है लेकिन पार्टी उन्हें भाजपा के फार्मूले यानी संसद सदस्य रहते चुनाव लड़ा सकती है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में सात लोकसभा सदस्यों को विधानसभा चुनाव लड़ाया था, जिसमें से पांच चुनाव जीते हैं।
कांतिलाल भूरिया को रतलाम से चुनाव लड़ाया जा सकता है। वे यहां से पांच बार चुने गए थे। झाबुआ विधानसभा से अभी उनके पुत्र डा.विक्रांत भूरिया विधायक हैं। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को खंडवा से चुनाव लड़ाया जा सकता है। वे दो बार यहां से चुने गए थे। वहीं, पूर्व विधायक केपी सिंह को गुना, तरुण भनोट को जबलपुर, कमलेश्वर पटेल को सीधी और हिना कांवरे को बालाघाट से चुनाव लड़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
सभी 29 लोकसभा सीटों के समन्वयकों द्वारा कार्यकर्ताओं से संभावित प्रत्याशी को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है। इन्हें 31 जनवरी तक संभावित दावेदारों के नाम प्रदेश कांग्रेस को देने हैं। वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त लोकसभा प्रभारी भी अपने स्तर पर जानकारी जुटा रहे हैं। पार्टी आधे से अधिक सीटों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है।