Burhanpur Forest: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में पेड़ काटकर जंगलों को खेतों में तब्दील किया जा रहा है। ताजा उदाहरण बुरहानपुर जिले का है। यहां असीरगढ़, नेपानगर, खकनार, नावरा, धुलकोट, बुरहानपुर, बोदरली, शाहपुर वन परिक्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में दो हजार हेक्टेयर से अधिक जंगल से पेड़ काटकर मैदान बना दिया गया है। पिछले डेढ़ साल से क्षेत्र में अतिक्रमणकारी सक्रिय हैं और लगातार जंगल को बर्बाद कर रहे हैं। रोकने के प्रयास कर रहे वनकर्मी, पुलिस पर हमला कर चुके हैं।
वन विभाग और मैदानी अमले को कमजोर पड़ता देख सेवानिवृत्त वन अधिकारी सामने आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया और वन बल प्रमुख आरके गुप्ता को पत्र लिखा है। इसमें जंगल को बचाने का अनुरोध किया है। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वनमंत्री भूपेंद्र यादव को भी पत्र लिख रहे हैं। इसके अलावा उनका एक दल बुरहानपुर जाकर रिपोर्ट भी तैयार करेगा।
बुरहानपुर और उससे पहले विदिशा के लटेरी में पेड़ों की कटाई को ‘वन अधिकार अधिनियम 2006’ का व्यापक असर माना जा रहा है। यह स्थिति इस उम्मीद में हुई है कि कब्जा करने पर भविष्य में भूमि का पट्टा मिल जाएगा। दरअसल, इस कानून में वर्ष 2005 के पहले से वनभूमि पर काबिज परिवारों को पट्टे देने का प्रविधान है। पिछले सालों में मप्र सरकार ने ऐसे पांच लाख से अधिक परिवारों को पट्टे दिए हैं। इसके बाद से ही जंगलों में कटाई तेजी से शुरू हुई है। बुरहानपुर जिले में एक लाख 90 हजार सौ हेक्टेयर जंगल है, वर्ष 2017 तक यहां 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण हो चुका था। बाद में दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र में और अतिक्रमण हो गया। अतिक्रमणकारी खंडवा, खरगोन, बड़वानी जिले के हैं। 2018 के बाद से यहां अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है।
अतिक्रमणकारियों के आगे मैदानी अमला नहीं टिक पा रहा है। सरकार भी कुछ नहीं कर रही है। इसलिए सेवानिवृत्त वन अधिकारी सक्रिय हुए हैं। सेवानिवृत्त जगदीश चंद्रा कहते हैं कि हम जंगलों में रहे हैं। एक-एक पेड़ को कैसे पाला है। उन्हें कटते नहीं देख सकते। इसलिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, वन बल प्रमुख को पत्र लिखा है। उनसे मिलने के भी प्रयास हैं। हम खुद मौके पर जाकर स्थिति को देखेंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे।
अतिक्रमण रोकने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अन्य जिलों से एसएएफ और वन बल भेजा गया है। मैदानी अधिकारी मौके पर डटे हैं। पुलिस से भी मदद ले रहे हैं। - आरके गुप्ता, वन बल प्रमुख, मप्र