Budhni Upchunav 2024: कांटे की टक्कर के बावजूद बुधनी में बची रही शिवराज की प्रतिष्ठा, पढ़िए उपचुनाव के दौरान कैसे बदले समीकरण
झारखंड के प्रभारी के रूप में व्यस्तता के बावजूद शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव के लिए प्रचार किया। इस उपचुनाव में किरार समाज के वोट बंटने का लाभ कांग्रेस राजकुमार पटेल को जरूर मिला, लेकिन वह जीत नहीं पाए।
By Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 24 Nov 2024 11:17:09 AM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Nov 2024 11:17:09 AM (IST)
शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव (फाइल फोटो) HighLights
- बुधनी से छह बार विधायक रहे हैं शिवराज चौहान।
- उन्होंने पिछला चुनाव 1,04,974 मतों से जीता था।
- उपचुनाव में महज 13,901 मतों से जीती भाजपा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांटे की टक्कर रही। हालांकि इसमें शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा कायम रही। भाजपा ने उनके विश्वासपात्र और विदिशा से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया था। स्थानीय स्तर पर उनका कुछ विरोध भी हुआ।
झारखंड के विधानसभा चुनाव में प्रभारी के रूप में व्यस्त रहने के बावजूद शिवराज सिंह ने समय निकालकर यहां प्रचार किया और समीकरण साधे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी यहां पर सभाएं कीं। यही कारण है कि भाजपा यहां चुनाव जीतने में सफल रही।
(भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव व कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल)
शिवराज का गढ़ रही है सीट
गौरतलब है कि बुधनी विधानसभा सीट शिवराज सिंह चौहान का गढ़ मानी जाती है। वह यहां से छह बार विधायक रहे। वर्ष 2023 का चुनाव उन्होंने एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीता था। पार्टी ने उन्हें विदिशा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाया और जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।
कार्तिकेय भी जुटे रहे प्रचार में
उपचुनाव के लिए प्रत्याशी चयन उनकी सहमति से ही रमाकांत भार्गव के रूप में किया गया। शिवराज सिंह के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान ने रमाकांत भार्गव के पक्ष में किया तो उनके सभी समर्थक भी जुटे। इसके बाद भी मुकाबला कांटे का रहा।
इसलिए घट गया जीत का अंतर
- कांग्रेस ने यहां प्रत्याशी परिवर्तन के प्रयोग को दोहराने के स्थान पर अनुभवी और पूर्व विधायक राजकुमार पटेल पर दांव लगाया।
- राजकुमार पटेल किरार समाज से आते हैं, जिसका प्रतिनिधित्व शिवराज सिंह करते हैं और प्रत्येक चुनाव में उन्हें एकतरफा समर्थन भी मिला।
- इस बार किरार समाज का वोट बंट गया और इसका लाभ राजकुमार पटेल को मिला।
- बुधनी क्षेत्र में पटेल के परिवार की प्रतिष्ठा है। उनके भाई देवकुमार पटेल भी यहां से विधायक रह चुके हैं।
- राजकुमार पटेल की भाभी विभा पटेल भोपाल की महापौर रहीं और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने उन्हें चुनाव भी लड़ाया था।
- वर्तमान में वह मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी ने दी कड़ी टक्कर
राजकुमार पटेल के नाम पर पार्टी में कोई मतभेद भी नहीं था, यही कारण है कि मुकाबला कांटे का रहा और रमाकांत भार्गव महज 13,901 मतों के अंतर से जीत सके। जबकि यह माना जा रहा था कि हार-जीत का अंतर 25 से 30 हजार मतों का होगा।
शिवराज को मिलता रहा है भरपूर समर्थन
शिवराज सिंह चौहान बुधनी से छह बार चुनाव जीते। परिसीमन के बाद 2008 में हुए चुनाव में वह 41,525 मतों के अंतर से विजयी रहे। वर्ष 2013 में यह अंतर 84,805 वोट, वर्ष 2018 में 58,999 वोट और 2023 में 1,04,974 वोट का हो गया था।