भोपाल (नवदुनिया स्टेट ब्यूरो), MP Vidhan Sabha। मध्य प्रदेश विधानसभा में आज से बजट सत्र शुरू हो गया। सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत बताई। उन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए विधायकों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। साथ ही आग्रह किया कि सभी सदस्य दिशानिर्देशों का पालन करें। सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम को विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने का प्रस्ताव रखा। संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने उसका समर्थन किया। गिरीश गौतम को अध्यक्ष बनाने के लिए कुल 11 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने निर्विरोध निर्वाचन का प्रस्ताव रखा, डॉक्टर गोविंद सिंह ने उनका समर्थन किया, प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने गिरीश गौतम के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ उन्हें आसंदी अभिवादन किया। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण हुआ और सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थतिग कर दी गई।
अध्यक्ष का पद 17 साल बाद विंध्य के हिस्से में आया है। इसके पहले श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार पर विंध्य को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने को लेकर काफी समय से दबाव बनाया जा रहा था। मंत्रिमंडल विस्तार में मौका नहीं मिलने से नाराजगी भी बढ़ रही थी। इसे थामने और क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए गिरीश गौतम का नाम तय किया गया। हालांकि, यह आसान नहीं था क्योंकि पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल और वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ला भी प्रबल दावेदार थे। बताया जा रहा है कि विंध्य और महाकोशल से अभी कुछ विधायकों को निकाय चुनाव के बाद समायोजित किया जाएगा।
पार्टी ने विंध्य का हमेशा किया सम्मान : नामांकन दाखिल करने के बाद गिरीश गौतम ने कहा कि पार्टी ने हमेशा विंध्य का सम्मान किया है। उपेक्षा जैसी कहीं कोई बात नहीं है। अध्यक्ष पद के लिए अन्य दावेदारों के नाम पर उन्होंने कहा कि पार्टी में सबको अपनी बात कहने का हक है। विधानसभा अध्यक्ष के के तौर पर विधायकों के हितों की रक्षा करना पहली प्राथमिकता होगी।
किसान और श्रमिकों के लिए संघर्ष करते रहे हैं गौतम : गिरीश गौतम 1972 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। 1977 से लगातार किसान और श्रमिकों के लिए संघर्ष करते रहे। वर्ष 2003 में पहली बार विधायक बने। वर्ष 2008, 2013 और चौथी बार 2018 में विधायक बने। वे 2015 से 2018 तक विधानसभा की प्राक्कलन समिति के सभापति रहे। वे विधानसभा की लोक लेखा सहित विभिन्न् समितियों के सदस्य रहे हैं।