नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के गणित, जैव-सूचना विज्ञान और कंप्यूटर अनुप्रयोग विभाग द्वारा शुक्रवार को कम्यूनिकेशन और इंटेलीजेंट सिस्टम पर केंद्रित छठवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू किया गया। हाइब्रिड मोड पर आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में करीब आठ देशों के प्रतिभागी आनलाइन माध्यम से जुड़े, जबकि भारत के विभिन्न शीर्ष संस्थानों के शोधार्थी कार्यक्रम में पहुंचे।
सम्मेलन के लिए 14 देशों के शीर्ष संस्थानों से करीब 633 शोधपत्र आए थे, जिसमें से कुल 122 शोध पत्रों को चयनित किया गया। पहले दिन इनमें से 35 शोध पत्रों को पढ़ा गया, जो ब्लाकचैन, एआइ, एल्गोरिदम और एआइएमएल तकनीक पर आधारित थे।
राजस्व विभाग के पास जमीन के मालिक के नाम बदलने या हटाने का अधिकार होता है और कई बार उसके रिकार्ड के छेड़छाड़ कर दिया जाता है। इस समस्या से निजात दिलाने सम्मेलन में दिल्ली की जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी का ब्लाकचैन पर आधारित साफ्टवेयर का प्रेजेंटेशन दिया गया। जिसमें बताया गया कि यह साफ्टवेयर रियल टाइम एसेट मैनेजमेंट की समस्या का निवारण करता है। जिससे ब्लाकचेन के माध्यम से एक ऐसी व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें रजिस्ट्री की पूरी चैन लिंक रहेगी। रिकार्ड कभी बदल सकेगा। यदि बदला भी जाता है तो सिस्टम के 51 लोगों से अनुमति लेना होगी। इससे भ्रष्टाचार की समस्या भी खत्म होगी।
सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलाजिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हंग दिन्ह गुयेन ने मोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाली लिथियम आयन बैट्री का जीवन बढ़ाने और सुरक्षित रखने के लिए एआइ आधारित साफ्टवेयर बनाया है। इसमें बैट्री की परफार्मेंस की जानकारी मोबाइल या लैपटाप मिल सकेगी। साथ ही उसमें यदि हीटिंग संबंधी या कोई अन्य समस्या होगी तो उसका अलर्ट भी आएगा। जिससे की इलेक्ट्रिक वाहनों में बैट्री की हीट की वजह से हो रहीं दुर्घटनाएं रूक सकेंगी।
एनआइटी, रायपुर के दिलीप सिंह सिसोदिया ने रिकमेंडेशन सिस्टम को लेकर एल्गोरिदम डिजाइन किया है। शोध पत्र को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि इन दिनों गूगल से लेकर फेसबुक तक हर जगह आपकी पुरानी ब्राउजिंग को देखते हुए ही एड दिखाए जाते हैं। नए एल्गोरिदम से फिल्मों का चयन किया जाएगा। उपभोक्ता जिस तरह की फिल्में पसंद करते हैं उसको देखते हुए ही उन्हें फिल्में दिखाई जाएंगी।