
राज्य ब्यूरो, भोपाल। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को भारत रत्न दिए जाने को लेकर विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा-कांग्रेस के बीच नोकझोंक हो गई। दरअसल, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन में कहा कि सबका साथ, सबका विकास का एक और उदाहरण है कि भारत सरकार ने तीन वरिष्ठ नेताओं को भारत रत्न देने का निर्णय लिया है। इसमें चौधरी चरण सिंह, जो लोकदल पार्टी से आते थे। पीवी नरसिंह राव, जो कांग्रेस पार्टी से आते थे और जिनका इन लोगों ने सम्मान नहीं किया। इसी प्रकार वैज्ञानिक डा. एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री सदन में गलतबयानी कर रहे हैं। कांग्रेस के बाला बच्चन ने कहा कि पीवी नरसिंह राव को तो हम लोगों ने प्रधानमंत्री बनाया था, ये कैसे कह सकते हैं कि उनका सम्मान नहीं किया। उन्होंने शानदार सरकार चलाई।
विजयवर्गीय ने पलटवार करते कहा कि जब नरसिंह राव जी की शव यात्रा को कांग्रेस कार्यालय में ले जाया जा रहा था, तब इनके एक राष्ट्रीय महासचिव ने मना कर दिया और उन्हें कांग्रेस कार्यालय में वह सम्मान नहीं मिला, जो मिलना चाहिए था। इस पर रामनिवास रावत ने टोकते हुए कहा कि यह भी गलतबयानी है, ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ है। भारत सरकार ने जिन व्यक्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया है, हम इसके लिए धन्यवाद करते हैं, पर गलतबयानी सुनना कतई पसंद नहीं करेंगे।
बाला बच्चन ने भी इस पर तेज आवाज में आपत्ति जताई तो सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि आप इतने उद्वेलित क्यों हो रहे हैं। रामकिशोर दोगने ने उन्हें टोका कि लालकृष्ण आडवाणी की 10 वर्ष बाद याद आई है। मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा कहां हैं। दोनों पक्षों के बीच इस विषय को लेकर काफी देर बहस होते रही।कांग्रेस के सदस्यों ने इस बात को कार्यवाही से विलोपित करने की मांग भी की, पर सभापति ने कहा कि बात तथ्यात्मक है, इसलिए उसको निकालने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह, स्व. पीवी नरसिंह राव एवं महान वैज्ञानिक स्व. एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने के निर्णय पर आभार जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इसके लिए देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।