नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। फर्जी दस्तावेजों से देश के विभिन्न शहरों में बैंक खाते खुलवाकर कमीशन पर साइबर ठगों को देने वाले बिहारी गैंग का सरगना शशिकांत उर्फ मनीष फ्लाइट से सफर करता था। साइबर ठगी के माध्यम से मिले रुपयों से उसने पटना में बेशकीमती जमीन खरीदी है। वह दो माह बाद शहर बदलते ही गिरोह में नए लोगों की भर्ती कर लेता था। वह पिछले तीन साल से देश के अलग-अलग शहरों की बैंकों में खाते खुलवाने का काम कर रहा था। पहली बार वह भोपाल पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
यह जानकारी उसने पुलिस पूछताछ में दी है। पुलिस ने उसे पांच दिन के लिए रिमांड पर लिया है। गिरोह के बाकी सदस्यों को जेल भेज दिया गया है। उधर पुलिस ने इंदौर के 400 और भोपाल के 130 फर्जी बैंक खातों और फर्जी दस्तावेज से हासिल किए गए 400 फोन नंबर को ब्लाक करवा दिया है। इस मामले में अन्य साक्ष्य जुटाने के लिए एक पुलिस टीम पटना जा रही है।
डीसीपी,जोन- तीन रियाज इकबाल ने बताया कि पूछताछ के दौरान शशिकांत ने बताया है कि वह अधिकतर फर्जी बैंक खाते बिहार के साइबर ठग संजय को उपलब्ध कराता था। एक खाते के बदले उसे 10 हजार रुपये मिलते थे। वह रुपयों को लेन-देने नकद ही करता था। अधिकतर सफर वह फ्लाइट से ही करता था। शहरों में मकान लेते समय वह खुद को फेरी लगाकर व्यापार करने वाला बताते थे।
डीसीपी ने बताया कि पुलिस टीम पटना जा रही है। वहां शशिकांत से खाते लेकर ठगी के आरोपित संजय की तलाश करेगी। साथ ही शशिकांत द्वारा धोखाधड़ी की राशि से खरीदी संपत्ति का ब्यौरा जुटाएगी। पूछताछ में शशिकांत ने पटना में रखी एक डायरी का भी जिक्र किया है। उस डायरी से इस अपराध से संबंधित अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि हनुमानगंज थाना पुलिस ने शनिवार को मूलत: बिहार के रहने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया था। उनमें 26 वर्षीय शशिकांत उर्फ मनीष, 21 वर्षीय सपना उर्फ साधना, 20 वर्षीय अंकित साहू उर्फ सुनील, 19 वर्षीय कौशल माली उर्फ पंकज, 20 वर्षीय रोशन कुमार, 19 वर्षीय रंजन कुमार उर्फ विनोद एवं 18 वर्षीय मोहम्मद टीटू उर्फ विजय (18) शामिल हैं। सभी को इब्राहिमगंज के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था। इनमें शशिकांत गिरोह का सरगना है। वह फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक में एक खाता खोलने पर टीम के सदस्यों को दो हजार रुपये देता था।