Bhopal News :भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। स्मार्ट सिटी को सिर्फ क्लीन एनर्जी में देश में प्रथम पुरस्कार मिलने के बाद अब अन्य कैटेगरी में पिछड़ने का रिव्यु किया जा रहा है। इसके चलते 2018 से प्रस्तावित स्कॉडा तकनीक के जरिए बनाए गए वाटर यूटीलिटी मैनेमेंट सिस्टम को लागू करने की तैयारियां जोरों पर हैं। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। सेंसर बेस्ड इस तकनीक के उपयोग से तालाब से पानी निकलने से लेकर उसके लोगों के घर पर पहुंचने तक की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जाएगी। कहीं भी लीकेज या पानी की बर्बाद होने की जानकारी मिनटों में पता चल जाएगी।
बता दें कि इस सिस्टम के लागू होने से पानी की टंकियों का वॉटर लेवल और मुख्य सप्लाई लाइनों का रियल टाइम स्टेटस नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी को मिलने लगेगा। इस सिस्टम को आठ महीने में लागू करने का दावा किया जा रहा है। इसे स्मार्ट सिटी के पेन सिटी मॉडल में शामिल किया गया था। पेन सिटी का काम लगभग पूरा हो गया लेकिन यह काम अब भी फाइलों से निकलकर बाहर नहीं आ पाया है। इस पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की 134 टंकियों को जोड़ा जाएगा। इससे टंकियों से पानी सप्लाई और टंकियों के भरने और पाइप लाइन से पानी सप्लाई की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। सभी चीजें स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेटेड रहेंगी। इसके अलावा वॉटर सप्लाई का भी एक अलग से कंट्रोल सेंटर बनेगा। यहीं से वॉल्व खोले व बंद किए जा सकेंगे। सप्लाई किया गया पानी कहां और कब गया, इसकी जानकारी केंद्रीयकृत कमांड सेंटर को होगी। इसमें एक ही समय पर पानी सप्लाई को ऑपरेट, नियंत्रित और मापा जा सकेगा। जरूरत के हिसाब से जहां टंकियों में पानी का स्तर ज्यादा और कम होगा, वहां कंट्रोल रूम से वॉटर लेवल मैनेज किया जा सकेगा।
खत्म हो जाएगी वाल्व मैन पर निर्भरता
सिस्टम से पानी चोरी करने वालों या पाइप लाइन फोड़कर लीकेज करने वालों की भी जानकारी कंट्रोल रूम को मिल जाएगी। पूरी व्यवस्था ऑटोमेटिक होगी। पानी सप्लाई को लेकर वॉल्व मैन पर निर्भरता भी खत्म हो जाएगी। कंट्रोल रूम से ही वॉल्व ऑपरेट होंगे। हालांकि विकल्प के रूप में वॉल्वमैन की व्यवस्था भी रहेगी। वॉल्व खोलने और बंद करने का ब्यौरा भी अधिकारियों के सामने स्पष्ट होगा।
यह होगा फायदा
-पानी के प्रेशर और लाइन में फ्लो की जानकारी मिलेगी।
-टंकियों में पानी के स्तर का रियल टाइम स्टेटस मिलेगा।
-मुख्य लाइन में लीकेज की जानकारी मिल जाएगी।
-वॉटर लॉस की जानकारी सामने होगी।
-ट्रीटमेंट प्लांट ऑपरेशन का ब्यौरा सामने होगा।
-पाइप लाइन में लीकेज के कारण प्रेशर कम होने की जानकारी भी आसानी से मिलेगी।
-हर वर्ष के पानी सप्लाई का डाटा सामने होगा।
वर्जन
अब हम जल्द ही स्कॉडा के साथ वाटर यूटीलिटी सिस्टम लागू करने जा रहे हैं। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद पानी का रियल टाइम अपडेट मिल जाएगा।
आदित्य सिंह, सीईओ स्मार्ट सिटी भोपाल