Bhopal News: शहर में सांची लस्सी, पनीर व दही का टोटा, उपभोक्ता परेशान
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ करता है सांची उत्पादों की आपूर्ति। सांची पार्लर संचालक भी परेशान। दूसरे दुग्ध ब्रांड वालों की कमाई।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sat, 23 Apr 2022 04:07:37 PM (IST)
Updated Date: Sat, 23 Apr 2022 04:07:37 PM (IST)
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। शहर में 20 दिन से सांची पनीर नहीं मिल रहा है। तभी से दही का भी टोटा है। अब लस्सी जैसा पसंदीदा उत्पाद नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से सांची उत्पादों का उपयोग करने वाले उपभोक्ता परेशान हैं और पार्लर संचालकों की हालत खराब होती जा रही है तो वहीं निजी ब्रांड वालों की बल्ले-बल्ले हो गई है। उन्हें अपना व्यापार बढ़ाने में ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। गर्मी के इस सीजन में दही, लस्सी की मांग सबसे अधिक रहती है। वैवाहिक आयोजनों में पनीर की बहुत मांग होती है। ये सहकारी उत्पाद अन्य निजी ब्रांडों की तुलना में मामूली कम दामों में मिलते हैं, लेकिन मांग के अनुरूप पूर्ति नहीं करने के कारण उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं और दूसरे ब्रांड के दूध उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। सांची दूध व इससे बने सांची उत्पादों की आपूर्ति भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा की जाती है।
शहर के कुछ सांची पार्लर संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 200 ग्राम की पैकिंग में मिलने वाले पनीर की आपूर्ति 20 दिन से नहीं दी जा रही है। 200 ग्राम की पैकिंग में मिलने वाले सादे दही के बाद बीते छह दिनों से आधे किलो की पैकिंग में दिए जाने वाले सादे दही की आपूर्ति भी बंद कर दी है। लस्सी की मांग पूरी नही की जा रही है। मांग भेजते हैं तो कहते हैं कि पैकिंग सामग्री नहीं है, तब तक कम मांग भेजो। यदि मांग लिखाओंगे तब भी आपूर्ति नहीं मिलेगी, जो है उसी में काम चलाओ। पार्लर संचालक बताते हैं कि अधिकारी सीधे मुंह बात नहीं कर रहे हैं इसके कारण उपभोक्ता टूट रहे हैं और दूसरे ब्रांड के उत्पादों की ओर जा रहे हैं। अधिकारी खाली समय में मांग बढ़ाने के लिए दबाव बनाते हैं जब मांग है तो पूर्ति नहीं की जा रही है।
ऐसे गड़बड़या दुग्ध संघ का प्रबंधन
भोपाल दुग्ध संघ में बीते कुछ माह से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले रिश्वत कांड सामने आया। फिर अधिकारियों के थोकबंद तबादले हो गए। इनमें से कुछ ने ज्वाइन नहीं तो कुछ अड़े रहे। इन्हीं में से हाल में निलंबित किए गए सीईओ आरपीएस तिवारी का तब पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने तबादला निरस्त कर दिया था। तब उक्त उलझन एक माह तक चली थी। इसके बाद फर्जी भर्ती कांड खुल और सीईओ को तत्कालीन प्रबंध संचालक ने नोटिस थमाया था। इसके बाद हाल ही में पंकज पांडे की बर्खास्तगी व सीईओ तिवारी को निलंबित किया गया है। इन मामलों में संबंधित अधिकारी खुद को बचाने में ताकत झोंकते रहे और इधर सांची उत्पादों की कमी गहरा गई है।