Bhopal News: बड़ी व पापड़ से मिला ग्रामीण महिलाओं को रोजगार, अपने संग परिवार की भी बदल रहीं तकदीर
रातीबड़ के सेमली गांव की घरेलू महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर। बड़ी-पापड़ बनाकर महीने में छह से आठ हजार रुपये तक कमा रहीं।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Thu, 27 Apr 2023 10:32:12 AM (IST)
Updated Date: Thu, 27 Apr 2023 10:32:12 AM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना रातीबड़ क्षेत्र के छोटे से गांव सेमली में भी साकार हो रहा है। यहां की 15 ऐसी महिलाएं जो घरेलू कार्य करती थीं, उन्होंने घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से मूंग दाल की बड़ी व पापड़ बनाने का काम शुरू किया। घर में चूल्हा-चौका के काम से निपटने के बाद ये महिलाएं सुबह 10 बजे सेमली गांव के एक हाल में पहुंच जाती हैं, यहां शाम छह बजे तक बड़ी व पापड़ बनाती हैं। धूप में बड़ी व पापड़ सूखने पर पैक करके दुकानों पर जाकर बेचने जाती हैं। इससे जो आय होती है, वो महिलाओं की होती है। यह कार्य वर्ष-2019 से समाजसेविका पूजा सिंह परमार ने शुरू कराया था, लेकिन कोरोना के चलते काम बंद हो गया था। अब इसे हाल ही में फिर शुरू कराया गया है। बड़ी व पापड़ बनाने से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। महिलाएं छह से आठ हजार रुपये तक महीने के कमा रही हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं।
आर्थिक तंगी से जूझते थे, अब आत्मनिर्भर हैं
बड़ी व पापड़ बनाने वाली सरिता, लीला, रीना सहित अन्य महिलाएं बताती हैं कि पहले आर्थिक तंगी से जूझते थे। घरेलू कामकाज तक ही सीमित थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बारी-बारी से बड़ी व पापड़ बनाते हैं। छत पर सुखाकर पैक करते हैं। फिर रातीबड़, नीलबड़, कोलार, फंदा सहित अन्य इलाकों की दुकानों में पापड़ सप्लाई करते हैं। गर्मियों में यह काम बढ़ जाता है। घर खर्च लायक आमदनी हो जाती है।
जल्द आएगी मशीन, फिर बनेंगे अधिक पापड़
समाजसेविका पूजा सिंह परमार ने बताया कि महिलाओं को जल्द ही बड़ी व पापड़ बनाने वाली मशीन निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। 15 से 50 हजार तक मशीन आ रही हैं, जो इस महीने की अंत तक आ जाएगी। इससे महिलाएं अधिक मात्रा में बड़ी व पापड़ बना सकेंगी। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। पहले गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक किया। उन्हें आत्मनिर्भर बनने के बारे में बताया। आज महिलाओं के चेहरे पर खुशी है कि वे स्वरोजगार की राह पर चलते हुए अपने साथ-साथ परिवार की भी स्थिति को संवार रही हैं।