दिलीप मंगतानी, भोपाल। एयरपोर्ट अथारिटी ने भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर नये एयर ट्रेफिक कंट्रोल टावर की टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया है। यहां नया राडार सिस्टम लगा दिया है। इससे विमानों की ट्रेकिंग मे सुविधा होगी। नागर विमानन महानिदेशालय की अनुमति के बाद पुराना टावर बंद कर नया एटीसी भवन स्थाई रूप से शुरू कर दिया जाएगा।
अथारिटी ने इंटरनेशनल मापदंड के अनुरूप नये आधुनिक एटीसी भवन एवं तकनीकी ब्लाक का निर्माण किया है। नए टावर में राडार के अलावा एलटी पैनल एवं ट्रेकिंग सिस्टम लगाया गया है। राडार लगने से विमान क्षेत्र से गुजरने वाले सभी विमान स्कैन हो सकेंगे। नए टावर की लंबाई 32 मीटर रखी गई है। इसके निर्माण पर अथारिटी को करीब 40 करोड़ रूपये खर्च करने पड़े हैं। हालांकिएयरपोर्ट पर 30 साल पुराना टावर अब भी काम कर रहा है लेकिन नया एयरपोर्ट टर्मिनल बनने के बाद रन-वे की दिशा बदल गई है। पुराना टावर रनवे स्टि्रप पर आ गया है जिससे विमानों की लैंडिंग में परेशानी होती है। इसे देखते हुए एयरपोर्ट अथारिटी ने नए कंट्रोल रूम को स्वीकृति दी थी।
ट्रायल रन पूरा, नहीं मिली कमी
अथारिटी ने नए एटीसी भवन को स्थाई रूप से प्रारंभ करने से पहले ट्रायल रन शुरू किया था। इसके पहले विमानों के आगमन के समय पुराने एवं नए दोनों टावरों से विमान को ट्रेक किया जा रहा था। ट्रेकिंग के दौरान यह देखा जा रहा था किनए एटीसी से विमानों पर निगाह रखनें के दौरान कोई परेशानी से कमी तो महसूस नहीं हो रही है। नेविगेशन शाखा ने ट्रायल रन के दौरान नए टावर में कोई कमी नहीं निकाली है। इसकी ऊंचाई अधिक होने के कारण रनवे के अंतिम छोर तक विमानों पर निगाह रखी जा रही है। इसका लाभ इंटरनेशनल उड़ानों को भी मिलेगा। भविष्य में इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होंगी। इंटरनेशनल रूट पर संचालित विमान रनवे के अंतिम छोर पर होगा तो भी उस पर आसानी से निगाह रखी जा सकेगी।
डीजीसीए की अनुमति लेना जरूरी
एयर अथारिटी को नया पुराना एटीसी भवन बंद करके नए टावर को पूरी तरह प्रारंभ करने के लिए डीजीसीए से अनुमति लेना जरूरी है। हालांकि ट्रायल रन के दौरान कोई कमी नहीं मिलने के कारण अब अनुमति एक औपचारिकता ही है। जून के दूसरे सप्ताह तक पुराना टावर पूरी तरह बंद हो जाएगा।
इंटरनेशनल उड़ानों की राह आसान
नया एटीसी टावर पूरी तरह प्रारंभ होने के साथ इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होने की राह आसान हो गई है। कस्टम एवं इमिग्रेशन काउंटर पहले ही बन चुके हैं। नया टावर अत्याधुनिक तकनीक पर बना है। इसका लाभ भोपाल को लंबे समय तक मिलेगा। लैंडिंग के दौरान रनवे स्टि्रप भी अब पूरी तरह साफ नजर आएगा। सुरक्षित लैंडिंग हो सकेगी।
- रामजी अवस्थी, एयरपोर्ट डायरेक्टर