Bhopal News: सकुशल मिला मासूम चेतन, तब जाकर लौटी मां की चेतना
Bhopal News: मानसिक कमजोर बालक औबेदुल्लागंज की ओर जाने वाली बस में सवार हो गया था। कंडक्टर की सजगता से परिवार से बिछड़ने से बचा।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 04 Jul 2021 09:20:37 AM (IST)
Updated Date: Sun, 04 Jul 2021 09:20:37 AM (IST)
Bhopal News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। हनुमानगंज थाना इलाके में रहने वाला 10 वर्ष का बालक शनिवार शाम को अचानक घर से गायब हो गया। मानसिक रूप से कुछ कमजोर होने के कारण बालक की मां बेहाल हो गई। बालक औबेदुल्लागंज की तरफ जाने वाली एक बस में सवार हो गया था। बागसेवनिया थाना के पास पहुंचने पर बस के कंडक्टर ने बालक को अकेले देख पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उधर चाइल्डलाइन की टीम ने कुछ ही देर में बालक के परिवार के लोगों की जानकारी जुटाकर पुलिस को दे दी। बेटे को सकुशल पाकर मां की आंखों से आंसू निकल पड़े।
चाइल्ड लाइन की संचालक अर्चना सहाय ने बताया कि बागसेवनिया थाना प्रभारी संजीव चौकसे ने
शाम छह बजे एक बालक के थाने में पहुंचने की सूचना दी थी। स्वजन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए बालक का फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया गया। फोटो देखते ही चाइल्डलाइन से जानकारी मिली कि यह बच्चा हनुमानगंज थाना क्षेत्र के न्यू शिवनगर का रहने वाला चेतन रघुवंशी है। छह माह पहले भी यह घर में बिना बताए निकल चुका है। उधर बालक के लापता होने के बाद उसकी मां की हालत बिगड़ने लगी थी। बच्चे के परिवार में उसके पिता विदिशा होमगार्ड में पदस्थ हैं, जबकि बड़ा भाई भी मानसिक रूप से कमजोर है। ऐसी स्थिति में पड़ोसियों ने बच्चें को ढूंढने में मां की पूरी मदद की। काफी तलाश करने के बाद भी जब बालक का कुछ पता नहीं चला तो मां, हनुमानगंज थाने पहुंची।
पुलिस एफआइआर करने की तैयारी कर रही थी, तभी चाइल्डलाइन से तस्दीक होने के बाद चेतन के सकुशल बागसेवनिया थाने में होने की सूचना मिल गई। चेतन न्यू शिवनगर से किसी बस में बैठकर पहले नादरा बस स्टैंड पहुंचा था। वहां से बड़ी यात्री बस में सवार हो गया था। कंडक्टर की सजगता से वह परिवार से बिछड़ने से बच गया। उधर पड़ोस में रहने वाले लोग जब चेतन को साथ लेकर उसकी मां के पास पहुंचे तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए। अर्चना सहाय ने अपील की है कि जिस भी परिवार में इस तरह के मानसिक कमजोर बच्चे हैं। उनके परिवार के लोग बच्चों के शरीर पर ऐसा कोई टेंटू, या पहचान बनवा दें, ताकि आम आदमी भी बच्चे के मिलने पर उसके परिवार के बारे में जान सके।