Bhopal News: श्रीजी मंदिर में मनाया गया बगीचा उत्सव, फूलों के झूले पर प्रभु की मनोरम झांकी देख निहाल हुए भक्त
श्रावण मास में श्रीजी मंदिर में मनाया जा रहा हिंडोला उत्सव। सोमवार को एकादशी के दिन प्रभु को पहनाई जाएगी सूत की विशेष माला।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 07 Aug 2022 12:34:52 PM (IST)
Updated Date: Sun, 07 Aug 2022 12:34:52 PM (IST)
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। पुराने शहर के लखेरापुरा में स्थित श्रीजी मंदिर में श्रावण मास में मनाए जा रहे हिंडोला उत्सव के तहत मंदिर प्रांगण में शनिवार को बगीचा सजाया गया। इसमें एक फूलों का झूला बनाया है, जिसमें प्रभु श्रीनाथजी को विराजित कर भक्तों ने उन्हें झुलाया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्रभु श्रीनाथजी का बगीचा उत्सव हर वर्ष सावन की शुक्ल पक्ष नवमी के दिन मनाया जाता है। प्रभु श्रीनाथजी को मोती जड़ित लाल वस्त्र पहनाए गए, सिर पर सुनहरी मुकुट पहनाया गया। फिर प्रभु को संध्या आरती के बाद मंदिर प्रांगण में पेड़-पौधे एवं घास से निर्मित बगीचे के भीतर गेंदा, गुलाब ,मोगरा, बंगाली पत्ती एवं केले के खंभे से निर्मित झूले में विराजमान किया गया। मोहनथाल मठरी, बूंदी, दही-बड़े का भोग लगाया गया। फिर उसके बाद प्रभु की चांदी के थाल में आरती की गई। श्रद्धालुओं को जन्माष्टमी की बधाइयां अभी से दी गईं। मंदिर में प्रभु श्रीनाथ के दर्शनों के लिए पधारे उनकी मनोरम झांकी देख निहाल हुए। महिला श्रद्धालुओं ने फूलन को हिंडोलो बनियो, फूल रही यमुना सहित अन्य भजन गाए गए।
मंदिर के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि आठ अगस्त सोमवार को एकादशी वाले दिन प्रभु श्रीनाथजी को 365 सूत के धागे से बनी माला पहनाई जाएगी। जिसे पवित्र कहते हैं। यह पवित्र कई रंग की होती है, जिसे सुबह 10 बजे प्रभु को धारण कराई जाएगी। इसका पुष्टिमार्ग में विशेष महत्व रहता है। शाम की आरती में हिंडोला में विराजमान होकर प्रभु श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
राधा वल्लभ लाल का पाणिग्रहण संस्कार एवं आरती आज
उधर, ब्याहुला उत्सव मंडल की ओर से श्रावणी ब्याहुला महोत्सव के तहत रविवार को श्री राधा वल्लभ लाल मंदिर इब्राहिमपुरा में भगवान श्री कृष्ण एवं राधा जी का पाणिग्रहण संस्कार कराया जाएगा। मंडल के सदस्य मनोज गर्ग एवं प्रमोद नेमा ने बताया कि शाम 7:00 बजे मुखिया श्री भूपेश वल्लभ के मार्गदर्शन में हरित श्रंगार कर फूल हिंडोला मैं ही भगवान का पाणिग्रहण कराया जाएगा तथा दर्शनार्थियों को कम से कम एक पौधा अपने घर आंगन अथवा कहीं भी रोपने का संकल्प भी दिलाया जाएगा। इसके बाद रात्रि 10:00 बजे तक भजन संध्या होगी। आरती एवं प्रसादी वितरण किया जाएगा।