Bhopal News :संत हिरदाराम नगर, (नवदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के सिंधी दरबारों से गुरू ग्रंथ साहब की विदाई के बाद बैरागढ़ में भी गुरू साहब के स्वरूप को विदाई दी जा रही है। शनिवार को श्री गंगाधाम दरबार से इसकी शुरूआत हुई। दरबार में लंबे समय से विराजमान गुरू ग्रंथ साहब के तीन स्वरूप जत्थेदारों को सौंपे गए। पूज्य सिंधी पंचायत ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देकर बैरागढ़ के दरबार में सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की है। पंचायत के महासचिव माधु चांदवानी का कहना है कि कुछ निहंग दरबारों में घुसकर विवाद पैदा कर सकते हैं।
इंदौर में कुछ निहंगों ने एक दरबार में मुंडन संस्कार का विरोध करते हुए श्री गुरू ग्रंथ साहब अपने साथ ले गए। इंटरनेट मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद से सिंधी समाज के संत, महात्मा, महंत एवं दरबार प्रमुख एकजुट हो गए। सभी ने दरबार में विराजमान ग्रंथ साहब को लौटाना शुरू कर दिया। अब भोपाल के बैरागढ़ से भी इसकी शुरूआत हो गई है। एफ वार्ड स्थित श्री गंगाधाम उदासीन दरबार के महंत तुलसीदास कल्तारी ने गुरू साहब के तीन स्वरूप गुरूद्वारा श्री गुरू गं्रथ साहब भवन के जत्थेदार कुलजीतसिंह को सौंपे।
समाज के संत एक मत नहीं
श्री गुरूगं्रथ साहब लौटाने के लिए सिंधी समाज के सभी संत एक मत नहीं हैं। सुखसागर दरबार के बाबा रामदास उदासीन का कहना है किउदासीन संप्रदाय की ग्रंथ साहब में गहरी आस्था है। कुछ कट्टरपंथी गलत आरोप लगाकर आस्था पर प्रहार कर रहे हैं। वहीं महंत तुलसी कल्तारी के अनुसार महामंडलेश्वर महंत हंसराम साहब बिना किसी विवाद के ग्रंथ साहब गुरूद्वारों को वापस लौटाने के पक्ष में हैं। कल्तारी का कहना है किहम विवाद नहीं चाहते। उन्होंने कहा किश्री गुरू गं्रथ साहब हमारे हृदय में बसे हैं। गुरूवाणी और कीर्तन जारी रहेगा लेकिन हम सनातन संस्कृति के खिलाफ नहीं जाएंगे। कल्तारी के अनुसार दरबारों से देव प्रतिमाएं हटाने का दबाव डालना उचित नहीं है। सिंधी सेंट्रल पंचायत ने इस मामले को संवेदनशील मानते हुए रविवारको गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ बैठक आयोजित की है। अध्यक्ष भगवानदेव इसरानी के अनुसार हम आपसी समन्वय से मामले का हल निकालना चाहते हैं।