भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। आदर्श योग आध्यात्मिक योग केंद्र भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल कई वर्षो से निःशुल्क योग प्रशिक्षण के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहें है वर्तमान में भी ऑनलाइन माध्यम से यह क्रम अनवरत चल रहा है। योग गुरु ने कोरोना काल में गर्मियों में लू से बचने के उपाय बताएं। वर्तमान कोविड 19 महामारी में भी हजारों योग साधक अपनी योग साधना की निरंतरता से स्वयं स्वस्थ रहते हुए सेवा के कार्यों में लगे है, योग गुरु अग्रवाल ने बताया कि गर्मी और लू से एवं इलाज की दवाइयों की गर्मी से बेहाल परेशान लोगों को योग प्राणायाम एवं प्राकृतिक चिकित्सा से आराम मिल सकता है। उन्होंने कहा कि मानव शरीर में चन्द्र नाड़ी शरीर को ठंडक प्रदान करती हैं। जीवन पर्यन्त श्वांस नासिका के दो छिद्रों से हमारे भीतर प्रवाहित होती रहती है। बांयी नासिका छिद्र को चन्द्र स्वर यानि इडा नाडी कहते है जबकि दाये छिद्र को सूर्य स्वर यानि पिंगला नाडी कहते है। चन्द्र स्वर से यदि सांस आती जाती हो तो शरीर को ठंडक मिलती है और यदि सूर्य स्वर यानि दाहिनी नासिका से सांस आती जाती है तब तो शरीर में गरमी पैदा होती है। इस प्रकार बायीं नासिका एवं दायीं नासिका का सही एवं संतुलित उपयोग करते हुए प्राणायाम करने से ग्रीष्म ऋतू में ठंडक एवं शीत ऋतू में गर्मी प्राप्त होती है।
इस भीषण गर्मी में जब तापमान 40 से 48 डिग्री सेल्सियस पहुँच रहा है, ऐसे में तेज गरम हवाएं और हीट वेव से लू लगने का खतरा बढने लगता है। इसके कारण हमारे शरीर से पसीना निकलने से पानी व नमक की कमी के कारण शरीर का तापमान बढने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ जाता है । ऐसे में यदि योग की प्राणायाम की श्वास क्रिया की जाए तो ही स्ट्रोक की रोकथाम की जा सकती है।
इन तरीकों से मिल सकता है शरीर को आराम
योग गुरु ने बताया कि यदि शरीर का तापमान बढा हुआ है और वह 104 डिग्री फोरनहाइट तक है तो सम्भावना है कि हीट करने से लाभ मिलता है। शरीर को तौलिये से स्पंज करे। यदि मरीज होश में है तो पानी बार बार पीने को दे। तुलसी का रस, नींबू की शिकंजी लू और हीट स्ट्रोक से बचाव में कारगर मानी गयी है। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व पर भी प्रकाश डाला तथा कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा सस्ती सुलभ और प्रभावी है सभी को इसका लाभ लेना चाहिए। कोरोना संकट के समय भी प्राकृतिक चिकित्सा काफी प्रभावी है।