Solar Eclipse Science: 20 अप्रैल को होगी सूर्यग्रहण की दुर्लभ घटना, जानिए इसका साइंस
Solar Eclipse Science: पृथ्वी गोलाकार न होकर सपाट चौकोर होती तो हाईब्रिड सोलर इकलिप्स की घटना पृथ्वी पर नहीं होती।
By Lalit Katariya
Edited By: Lalit Katariya
Publish Date: Wed, 19 Apr 2023 06:00:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Apr 2023 08:47:54 AM (IST)
Solar Eclipse Science: भोपाल, (नवदुनिया प्रतिनिधि)। भोपाल आगामी 20 अप्रैल को दुर्लभ हाईब्रिड सूर्यग्रहण की घटना होने जा रही है । इस बारे में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने विद्याविज्ञान के अंतर्गत जानकारी देते हुये बताया कि पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी गोलार्द्ध के समुद्री भागों में होने जा रहे इस ग्रहण को भारत में तो नहीं देखा जा सकेगा लेकिन सदी में औसतन सिर्फ 7 बार होने वाली इस घटना का साइंस समझने का यह अवसर है । सारिका ने बताया कि अगर पृथ्वी गोलाकार न होकर सपाट चौकोर होती तो हाईब्रिड सोलर इकलिप्स की घटना पृथ्वी पर नहीं होती ।
सारिका ने बताया कि गणितीय रूप से ग्रहण के समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी को च्द्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी से भाग देने पर अगर 400 के लगभग आता है तो हाईब्रिड सोलर इकलिप्स होने की परिस्थितियां बनती हैं ।
सारिका ने बताया कि हमारी पृथ्वी गोलाकार है इस कारण चंद्रमा की दूरी , लोकेशन बदलने पर बदलती रहती है । उन स्थानों पर जहां कि ग्रहण के दौरान चंद्रमा सिर के ठीक उपर होता है तो उसका अपेरेन्ट साईज (Apparent Size) बड़ा होता है इस कारण यह सूर्य को पूरी तरह से ढ़क लेता है और पूर्ण सूर्यग्रहण दिखने लगता है ।
उन स्थानों में जहां कि चंद्रमा क्षितिज के पास होता है वहां चंद्रमा का अपेरेंट साईज थोड़ा छोटा दिखता है और यह सूर्य को पूरी तरह नहीं ढ़क पाता है जिससे सूर्य का किनारा चमकता रहता है और बीच में चंद्रमा के कारण काला अंधेरा दिखता है । यह वलयाकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखता है ।
अगर पृथ्वी चपटी सपाट होती तो चंद्रमा की दूरी एक समान रहती और कोई एक ही प्रकार का ग्रहण होता। तो चपटी नहीं, गोलाकार पृथ्वी पर होने जा रहे संकर सूर्यग्रहण का समझिये साइंस ।