Bhopal Nagar Nigam Chunav 2022: भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। नगरीय निकाय चुनाव इस बार पिछले साल की अपेक्षा कम मतदान हुआ है। इसकी वजह केंद्रों में बदलाव करना रहा। दरअसल मतदाता सूची में केंद्र बदल जाने से मतदाताओं को मतदान करने से पहले काफी मशक्कत करनी पड़ी। वह बूथ के बाहर सहायता केंद्रों पर काफी देर तक अपना नाम मतदाता सूची में तलाशते रहे। यहां जिसको नाम और पर्ची मिल गई उसने मतदान किया। जबकि जिसको नहीं मिली वह बिना मतदान के वापस लौट गया। इसके अलावा कोरोना महामारी की वजह से दो साल विलंब के साथ सात साल बाद हुए मतदान में मतदाओं का उत्साह भी कम देखने को मिला। इस वजह से केंद्रों पर सुबह से शाम तक धीमी गति से चल रही मतदान प्रक्रिया 51.64 प्रतिशत पर जाकर खत्म हो सकी।
कोलार के मतदान केंद्रों पर नहीं दिखे उत्साहित मतदाता
हूजूर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले उपनगर कोलार के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का उत्साह फीका रहा। सुबह सात बजे वार्ड-83 के ललिता नगर राजकमल स्कूल के आठ पोलिंग बूथों पर मतदान शुरू हुआ। सबसे पहला वोट 90 साल की बासमती सिंह ने डाला। शुरुआत के एक घंटे तक केंद्र में सन्नााटा रहा। इसी तरह कोलार के वार्ड-80, 81, 82, 84 के विभिन्ना मतदाता केंद्रों पर एक-एक करके मतदाता आते रहे। घरों पर पर्चियां नहीं पहुंचने से मतदाता भटकते रहे।
वहीं दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आने वाले नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, जवाहर चौक, टीटी नगर, आंबेडकर नगर, पंचशील नगर, बाणगंगा सहित अन्य मतदाता केंद्रों पर पर्चियां नहीं मिलने की समस्या आई। लोगों को एक से दूसरे मतदाता केंद्रों तक भटकना पड़ा। बैरागढ़ चीचली, ललिता नगर नालंदा स्कूल, नेहरू नगर कोपल स्कूल में ईवीएम खराब होने से मतदान प्रक्रिया 20 से 30 मिनट प्रभावित हुई। मशीन बदले जाने पर मतदान शुरू हुआ।
इसी तरह नरेला विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 79,78,75,77 सहित अन्य के मतदान केंद्रों पर भी सुबह से कम ही मतदाता पहुंचे। यही स्थिति मध्य, गोविंदपुरा और उत्तर के वार्डों के मतदान केंद्रों पर भी देखने को मिली। उत्तर विधानसभा के वार्ड नंबर 16 में आरिफ नगर स्थित केंद्र पर ईवीएम मशीन स्र्क गई थी। इसके लिए इंजीनियर को बुलाकर उसे सही कराया गया।
विधायक और प्रत्याशी लगे रहे मतदाताओं को जुटाने में
मतदान केंद्रों पर दोपहर तक कम मतदाता पहुंचे। इससे स्थानीय विधायक और प्रत्याशी मतदाताओं को जुटाने में लगे रहे। इतना ही नहीं प्रत्याशियों ने मतदाताओं को लाने - ले जाने के लिए वाहन भी लगाए। तब जाकर पांच बजे तक मतदाता केंद्रों पर पहुंचे। बता दें कि निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों को दो वाहनों को मतदान के दौरान चलाने की अनुमति दी गई थी।
पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था रही सख्त
मतदान केंद्रों पर पुलिस - प्रशासन की व्यवस्था सख्त रही। सभी केंद्रों पर एक प्रत्याशी की तरफ से सिर्फ एक ही मतदाता सहायता केंद्र बनाया गया था। जो कि केंद्र से 100 मीटर दूर था। इसी तरह प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के वाहनों को भी इस सीमा से दूर ही रखा गया। इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कोहेफिजा, टीटीनगर सहित शहर के 50 से अधिक मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया ।
मतदान कम होने की वजह
नगरीय निकाय चुनाव में इस बार आधे मतदाताओं ने ही मतदान किया है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक है, जबकि महिला मतदाता कम ही मतदान करने पहुंची हैं। वहीं जो मतदाता मतदान के लिए उत्साहित थे तो उनको केंद्रों से हताश होकर वापस लौटना पड़ा। दरअसल उन्हें बूथ की जानकारी नहीं थी तो किसी के पास पर्ची नहीं थी और कुछ मतदाताओं को उनके वोटर आइडी कार्ड तक नहीं मिले थे।