नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र बगरोदा की फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स बनाने का काम फर्जीवाड़े पर चल रहा था। यह खुलासा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के हत्थे चढ़े तीनों मादक पदार्थ तस्करों ने रिमांड के दौरान पूछताछ में किया है। गिरफ्तार तस्कर अमित चतुर्वेदी औद्योगिक नगरी बगरोदा की कुछ फैक्ट्रियों के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (GSTIN) का फर्जी तरीके से उपयोग करता था। इन्हीं के माध्यम से वह बाहर से केमिकल मंगाता था।
वहीं, एनसीबी ने तस्करों की इंटरनेट मीडिया के माध्यम वाट्सएप पर कोड और इमोजी के माध्यम से हुई बातचीत भी रिकवर कर ली है। इसमें तीनों आरोपित आपस में एक किलोग्राम एमडी के लिए एक मीटर कपड़े का कोड वर्ड और इमोजी का उपयोग करते थे। एनसीबी इंटरनेट मीडिया पर इस संदिग्ध संदेश पर निगरानी रखे थी। इसमें पता चला है कि ग्राहक हैप्पी पिल्स के नाम से एमडी ड्रग्स की मांग करते थे।
बता दें कि पांच अक्टूबर को एनसीबी दिल्ली और एटीएस गुजरात ने भोपाल की औद्योगिक नगरी बगरोदा की एक बंद फैक्ट्री से सिंथेटिक ड्रग्स बरामद कर अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ के बाद मंदसौर से हरीश आंजना नाम के एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया। अभी ये तीनों रिमांड पर हैं।
मामला सामने आने के बाद भोपाल पुलिस भी हरकत में आई और अमित चतुर्वेदी के गोदाम का पता लगाकर 60 लाख रुपये कीमत का केमिकल बरामद किया। इस दौरान पुलिस ने यह भी दावा किया है कि अगर इस केमिकल से एमडी ड्रग्स बनता तो बाजार में उसकी अनुमानित कीमत साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये होती।
नशे की फैक्ट्री के पार्टनर अमित चतुर्वेदी ने रिमांड के दौरान पूछताछ में कबूल किया है कि केमिकल मंगाने में कई बार परेशानी होती थी। इसके लिए जीएसटीआइएन मांगा जाता था, इसलिए उन्होंने इसका आसान तरीका निकाल लिया था। वे अन्य फैक्ट्री के बाहर बोर्ड पर लिखे नाम और जीएसटीआइएन का उपयोग करके केमिकल मंगाते थे।
केमिकल भेजने वाले GSTIN मांगते थे और ई-वे बिल जनरेट करते थे। अमित को जानकारी थी कि पहले तो माल भेजने वाला इसे तत्काल पोर्टल पर अपडेट नहीं करेगा और अगर अपडेट कर भी देगा है तो जीएसटीआइएन जिसके नाम पर है, वह हमेशा तो पोर्टल पर नजर नहीं रखेगा। इस कारण से मूल मालिक को इसकी जानकारी नहीं मिल पाती थी। माल बुक होने के बाद ट्रांसपोर्टर से ट्रक चालक का नंबर लेकर वह फैक्ट्री में माल उतरवा लेता था।
जीएसटीआइएन की यह गड़बड़ी मूल मालिक को त्रैमासिक रिटर्न भरने के दौरान पता चल पाती थी। हालांकि अमित ने दो बार ही ऐसा किया था, जब उसने गुजरात से माल मंगाया था। बगरोदा औद्योगिक समिति के अध्यक्ष नवनीत व्यास ने बताया कि जिन फैक्ट्री के जीएसटीआइएन से केमिकल मंगाया गया था। इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को दी गई है।
हरीश आंजना को छह मार्च 2023 को मंदसौर से ही ग्वालियर की क्राइम ब्रांच और मोहना थाना पुलिस ने पकड़ा था। उस समय वह भाजयुमो का मंडल अध्यक्ष था। ग्वालियर में एक ट्रक में पकड़े गए 1900 किलो डोडा-चूरा की तस्करी मामले में रुपयों का लेन-देन सामने आने पर उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
नागालैंड से डोडा-चूरा ट्रक में लाया गया था। उसे उसे गिरफ्तार करने वाली टीम के अनुसार, जब उसे पकड़ा तो उसके समर्थकों ने गाड़ी को घेर लिया था। मुश्किल से उसे लेकर ग्वालियर के लिए निकले तो राजनीतिक रसूखदारों ने रास्ते से ही छोड़ने का दबाव डाला गया। वह रास्तेभर पुलिसकर्मियों को वर्दी तक उतरवाने की धमकी देता रहा था। जमानत पर बाहर आते ही फिर नशे के काले धंधे में उतर गया।