Bhopal Dharam Samaj: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)।राजधानी के जिनालयों में क्षमावाणी का दौर चल रहा है। शहर के साकेत नगर में क्षमावाणी का आयोजन किया गया। लोगों ने एक-दूसरे के हाथ जोड़ कर जाने व अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी। कार्यक्रम में पंडित अरविंद शास्त्री ने कहा कि क्षमावाणी का मर्म बहुत ही सुंदर व सहज वाणी में सभी के बीच प्रस्तुत करते हुए कहा कि "जहां क्षमावाणी का पर्व मन की कलुषता धोने का पर्व है। वहीं इसे मैत्री दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। क्षमा मांगने से व्यक्ति छोटा नहीं होता बल्कि और बड़ा हो जाता है। झुकता वही है जिसमें जान होती है अर्थात जिसमें रिश्तों को निभाने की चाह और सामर्थ्य होती है वही झुकता है। क्षमायाचना सरल ह्रदय की निशानी है। आत्मा का स्वभाव ही क्षमा है, क्रोध आत्मा का शत्रु है, अतः हमें पेड़-पौधे से लेकर पशु-पक्षी तक समस्त प्राणी मात्र पर दया का भाव रखना चाहिए। हमें क्षमा को आत्मा में धारण करना है, जिससे हमारे चारों तरफ सुख सुख शांति का वातावरण बना रहे। बच्चों ने भजनों के साथ क्षमावाणी कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। सर्वप्रथम कोरोना के कारण दिवंगत स्वर्गीय सुखानंद जैन, कुसुम जैन, राजेश जैन, राजकुमार जैन नोहरां कला एवं बसंत कुमार जैन को श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए समाज में उनके योगदान के लिए उनके परिजनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। सुखानंद जैन के परिजनों ने उनकी स्मृति में साकेत नगर जैन समाज मंदिर को ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर प्रदान किया। कार्यक्रम में समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं दस दिनों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रस्तुतियां देने वाले विजेताओं को पुरूस्कार वितरण कर उन का उत्साहवर्धन किया। वहीं समाज के कोरोना योद्धाओं सामाजिक योगदान के लिए सदस्यों को भी प्रशंसा-पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया।