भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। रैगिंग से आहत होकर एक छात्रा द्वारा खुदकुशी करने के मामले में एक अदालत ने शुक्रवार को आरोपित चार छात्राओं को पांच साल की सजा सुनाई है। उन्हें दो-दो हजार रुपये जुर्माना भी भरना होगा। इस मामले में आरोपित शिक्षक को बरी कर दिया गया। घटना कमला नगर थाना इलाके में अगस्त-2013 में हुई थी। शासन की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे एजीपी खालिद कुरैशी ने बताया कि छह अगस्त 2013 को कमलानगर थाना इलाके में रहने वाली अनीता शर्मा ने घर में फांसी लगा ली थी। वह आरकेडीएफ कॉलेज में बीफार्मा प्रथम वर्ष की छात्रा थी। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया था। छात्रा के परिवार वालों के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने कॉलेज की चार छात्राओं और एक शिक्षक के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था।
इस मामले की सुनवाई अमित रंज समाधिया की अदालत में चल रही थी। परिजन के बयान और सुसाइड नोट को अहम साक्ष्य मानते हुए इस मामले में अदालत ने आरोपित छात्रा देवासी शर्मा, कृति गौर, दीप्ती सोलंकी और निधि मगरे को दोषी माना। साथ ही चारों को पांच-पांच वर्ष के कारावास और दो-दो हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। इस मामले में दोष सिद्ध नहीं होने पर कॉलेज के शिक्षक को बरी कर दिया गया। चारों छात्राओं को जेल भेज दिया गया है।
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में पीड़िता की गवाही जारी
प्यारे मियां द्वारा नाबालिगों के यौन शोषण मामले में चौथे दिन शुक्रवार को भी अदालत में पीड़ित किशोरी के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान आरोपित प्यारे मियां भी मौजूद रहा। शनिवार को भी पीड़िता बयान दर्ज होंगे। इस प्रकरण में अभी दो और किशोरियों के बयान दर्ज होना बाकी हैं। विशेष लोक अभियोजक पीएन सिंह राजपूत ने बताया कि शुक्रवार को भी विशेष न्यायाधीश उपेंद्र कुमारसिंह की अदालत में पीड़ित किशोरी के बयान दर्ज किए गए। दिन भर चली गवाही के दौरान पीड़िता से दुष्कर्म मामले के आरोपित प्यारे मियां व अन्य आरोपितों के वकीलों ने भी पीड़िता से सवाल जबाव किए। पीएन सिंह राजपूत ने बताया कि शनिवार को पीड़ित चार में से दो किशारियों की गवाही पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शाहपुरा में दर्ज मामले में प्यारे मियां सहित सात आरोपित हैं। इस मामले में दो फरवरी से लगातार सुनवाई हो रही है।