Barkatullah University : भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में छह साल पहले नियुक्त हुए 11 असिस्टेंट प्रोफेसरों और एक असिस्टेंट डायरेक्टर की जांच रिपोर्ट गुरुवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में रखी गई। इस रिपोर्ट को लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार जमकर भिड़ गए। कुलपति प्रो. आरजे राव रिपोर्ट के आधार पर निरस्त हो चुकी नियुक्तियों को सही कराना चाहते थे।
उधर, ईसी सदस्यों और रजिस्ट्रार ने इस रिपोर्ट को विराधाभासी बताते हुए राजभवन को सौंपे जाने का निर्णय ले लिया। इसके बाद हंगामा शांत हुआ। इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन कुलपति प्रो. एमडी तिवारी हट चुके हैं और रजिस्ट्रार एलएस सोलंकी को भी निलंबित किया गया था।
नियुक्यिों को सही ठहराने वाली रिपोर्ट को ईसी से पास कराने के लिए रखा गया था, लेकिन जब जांच रिपोर्ट की सच्चाई ईसी सदस्यों के सामने आई, तो सदस्यों ने हाथ खड़े कर दिए। सदस्यों का साफ कहना था कि जिन नियुक्तियों के आधार पर कुलपति को हटाया जा चुका है और रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया गया था, उसकी जांच रिपोर्ट को ईसी से पास कराकर ईसी सदस्यों को भी फंसाने का काम किया जा रहा है। रजिस्ट्रार ने भी ईसी में जांच रिपोर्ट को रखे जाने का विरोध किया। इसके बाद इसे राजभवन को सौंपे जाने का निर्णय हुआ।
जांच रिपोर्ट में है विरोधाभास
ईसी में रखी गई जांच रिपोर्ट पर बीयू रजिस्ट्रार डॉ. बी भारती का कहना है कि राजभवन द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट में विरोधाभास है। जांच रिपोर्ट कहती है कि नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई, छानबीन समिति ने सही काम नहीं किया और बाद में नियुक्यिों को सही ठहरा दिया जाता है। ऐसे में इस रिपोर्ट को सभी ईसी सदस्यों की सहमति से राजभवन को सौंपे जाने का निर्णय हुआ है।
ऐसे हुई थी गड़बड़ी
इन नियुक्तियों में एक ही दिन में उम्मीदवारों के साक्षात्कार कर लिए थे। कई उम्मीदवारों के दस्तावेजों में भी गड़बड़ी मिली थी। साक्षात्कार होने के बाद रजिस्ट्रार सोलंकी ने रातों-रात उम्मीदवारों के नियुक्ति पत्र जारी किए थे। उस समय गोहिल ने कुलपति डॉ. मुरलीधर तिवारी के साथ रजिस्ट्रार सोलंकी सहित कई अधिकारी और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे। इस मामले की जांच रिपोर्ट वर्ष 2016 में ही पूरी हो गई थी, लेकिन रिपोर्ट सामने नहीं आ रही थी। जब रिपोर्ट ईसी में रखी गई, तो सदस्यों ने इस पर हंगामा कर दिया।