Bhopal Metro project: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी भोपाल में मेट्रो का काम वर्ष 2018 में शुरू हो गया था, लेकिन इसके तीन साल बाद यानी 2021 में अब जाकर डिपो का काम शुरू किया जा रहा है। यह देरी टेंडर प्रक्रिया में हुई लेटलतीफी और कोरोना संक्रमण काल के कारण हुई। इस कारण मेट्रो प्रोजेक्ट काफी पिछड़ गया। हालांकि, अब काम में तेजी लाई जा रही है। इसके लिए मृदा परीक्षण के बाद टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। डिपो की तकनीकी बिड फाइनल होने के बाद राइट्स कंपनी के जरिए डिपो बनाने का काम करवाया जा रहा है। मेट्रो के डिपो में कोच मेंटेनेंस और इन्हें रखने का काम किया जाएगा।
इधर, मेट्रो का प्रथम रूट 16.05 किलोमीटर का है। इसमें से आठ किमी एम्स से सुभाष नगर तक काम
भी तेजी से चल रहा है। यह काम लगभग 60 फीसद पूरा हो चुका है। इसके बाद शेष आठ किमी का काम शुरू किया जाएगा। जबकि, रत्नागिरी से भदभदा चौराहे तक बनने वाले दूसरे रूट की तैयारी भी शुरू नहीं हो पाई है। इस तरह लगता नहीं कि शहर में मेट्रो का काम अगले पांच साल में पूरा हो पाएगा।
2025 के बाद प्रोजेक्ट पूरा हुआ तो दो हजार करोड़ रुपये बढ़ सकती है लागत : बताया जा रहा है कि मेट्रो के
काम को लेकर अब तक एकमुश्त राशि जारी नहीं की गई है। जमीन अधिग्रहण से जुड़े कुछ मामले कोर्ट में लंबित हैं। ये पूरा होने के बाद ही मेट्रो का काम पूरा हो सकता है। वहीं, कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश सरकार आर्थिक तंगी में आ गई थी। देरी होने के कारण प्रोजेक्ट की लागत करीब दो हजार करोड़ रुपये बढ़ सकती है।
80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगे तीन कोच
मेट्रो के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुर मेट्रो में चार कोच थे, लेकिन भोपाल मेट्रो में तीन कोच ही होंगे। जरूरत पड़ने पर ये कोच बढ़ाए जा सकते हैं। मेट्रो की अधिकतम गति 90 किमी प्रतिघंटा होती है लेकिन भोपाल मेट्रो 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। मेट्रो के स्टेशनों के लिए भी टेंडर हो गए हैं। मेट्रो के स्टेशनों को ऐसे प्लान किया गया है कि हर पांच मिनट में एक स्टेशन पर मेट्रो पहुंचेगी।
अंडरग्राउंड रूट के लिए कोई चर्चा ही नहीं
इधर, पुराने भोपाल में प्रस्तावित मेट्रो के दो किमी के अंडरग्राउंड रूट को लेकर अब तक कोई तैयारी नहीं की
गई है। इस बारे में चर्चा तक नहीं की जा रही है। अब इसका काम पिछड़ना तय है। इसके अलावा प्रोजेक्ट के
लिए चिकलोद रोड में सड़क के दोनों ओर जमीन अधिग्रहण का काम होना बाकी है। बता दें कि भोपाल मेट्रो के दोनों रूट मिलाकर कुल लंबाई 29.04 किलोमीटर है। इसमें से एम्स से करोंद के बीच का रूट 16.05 किमी
का होगा। जिसके 50 फीसद हिस्से में काम जारी है। वहीं, भदभदा से रत्नागिरी तक 12.99 किमी रूट की तैयारियां की जा रही हैं।
मेट्रो प्रोजेक्ट की स्थिति
- 6941.00 करोड़ रुपये : कुल लागत
- राज्य का अंश- 20 फीसद) : 1388.20 करोड़
- केंद्र का अंश (20 फीसद) : 1388.20 करोड़
- यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक से लोन (50 फीसद) : 3,470.20 करोड़
- बॉन्ड या किसी भारतीय बैंक से कर्ज (एक फीसद) : 694.10 करोड़
- निर्माण की शुरुआत : 2018
- समयसीमा : 2023
- कब तक पूरा होने की संभावना : पहला फेज 2025 तक
- निर्माता कंपनी : दिलीप बिल्डकॉन