भिंड। नईदुनिया प्रतिनिधि। भिंड-इटावा के बीच ओएचई लाइन डलना शुरू हो गई है। ग्वालियर से इटावा, मैनपुरी के बीच 34 सब स्टेशन बनाए जाना है। 16 सब स्टेशनों पर काम शुरू हो चुका है। ग्वालियर से इटावा के बीच 118 किमी तक ओएचई लाइन डालने का काम करीब दो साल में पूरा होगा। यह काम 200 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। अभी इस ट्रैक पर अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाई जा रही है, जबकि ट्रैक की क्षमता 120 किमी प्रतिघंटे की है। विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी साथ ही गाड़ियों की संख्या में भी इजाफा होगा। ग्वालियर से भिंड के बीच पांच ट्रेनें चल रही हैं। दो गाड़ियां हीं इटावा तक का सफर तय करती हैं। ग्वालियर से इटावा तक 118 किमी का सफर तय करने में करीब 4 घंटे से अधिक का समय लग जाता है।
ग्वालियर से इटावा-मैनपुरी तक विद्युतीकरण करने का टेंडर हैदराबाद की भेल कंपनी को मिला है। जबकि स्थानीय स्तर पर काम छतरपुर की केजीएन कंस्ट्रक्शन कर रही है। ठेकेदार मोहम्मद इदरीश खान का कहना है कि बिरला नगर से लेकर भिंड, उदी, बाह, सैफई, करहल और मैनपुरी तक विद्युतीकरण का काम किया जा रहा है।
इसमें 34 सब स्टेशन बनाया जाना है। पहले चरण में हम 16 स्टेशन तैयर कर रहे हैं। यह स्टेशन बिरलानगर, मालनपुर, गोहद, सोनी, ऐतहार, भिंड, फूफ, उदी, बाह, सैफई, करहल और मैनपुरी पर बनाए जा रहे हैं। ओएचई लाइन बिछाने के लिए करीब 70 हजार से अधिक खंभे लगाए जाएंगे।
इटावा के लिए घूम कर जाना पड़ता है
अभी ट्रेन लंबी दूरी तय कर इटावा तक पहुंच रही हैं। ओखा एक्सप्रेस ग्वालियर से आगरा फिर इटावा पहुंचती है। इस ट्रेन की भिंड से होकर इटावा जाने की मांग की जा रही है। सुशासन एक्सप्रेस ग्वालियर से बलरामपुर के बीच हर बुधवार को चलाई जाती है, जो हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद होकर लखनऊ पहुंचती है। जिसमें यात्री को लखनऊ पहुंचने के लिए 13 घंटे का समय व किराया भी अधिक चुकाना पड़ता है। यदि यह ट्रेन सीधे भिंड-इटावा होते हुए लखनऊ के लिए चलाई जाएंगी तो यात्रियों के समय व किराए दोनों की बचत होगी।