नईदुनिया प्रतिनिधि, भिंड: लोकसभा चुनाव में अब पार्टी और प्रत्याशियों के पास एक-एक मतदाता की कुंडली आ चुकी है। मतदान करने में अभी भले नौ दिन का समय है, लेकिन प्रत्याशियों ने पुराने नतीजों से पूरा चुनावी समीकरण तय कर लिया है। वो उसी के आधार पर प्रचार भी कर रहे हैं। प्रचार का वक्त कम है, इसलिए फोकस उन इलाकों पर हो रहा है। जहां से वोट पक्के हैं। हालांकि जहां से उम्मीद बन रही है उन इलाकों में भी प्रत्याशी पहुंच रहे हैं।
प्रमुख दलों में मतदाताओं की कुंडली बनाने का काम महीनों पहले हो चुका। इन्होंने बाकायदा बूथ स्तर पर किस पार्टी को अधिक समर्थन मिला, इसका ब्योरा बनाकर रखा है। कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं प्रत्याशियों ने चार कैटेगरी में बूथ को बांटा है। इसमें ए से लेकर डी कैटेगरी रखी गई है। इससे बूथ आसानी से चिह्नित किए जा रहे हैं किए भाजपा समर्थित हैं कि नहीं। उसी के मुताबिक उन इलाकों में प्रचार का काम करवाया जा रहा है। कांग्रेस भी इसी मोड में काम रही है।
पार्टियां सबसे पहले उन इलाकों में अधिक प्रचार कर रही हैं, जहां उनके वोट पक्के हैं। ए ग्रेड और बी ग्रेड के बूथ में प्रत्याशी घर-घर पहुंचकर अपने वोट पक्के करना चाह रहे हैं। इसके बाद वो सी और डी ग्रेड में प्रचार कर रहे हैं। प्रचार खत्म होने में करीब छह दिन शेष हैं, ऐसे में प्रत्याशी को हर घर में प्रचार कर पाना मुमकिन नहीं होगा। इसी वजह से उनके समर्थक सी और डी ग्रेड के बूथ में पहुंचकर प्रचार कर रहे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी पार्टियों से अलग हर तरफ खुद के लिए वोट मांगने की कोशिश कर रहे हैं। उनका प्रचार अभियान भी पूरी विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है। निर्दलीयों के सामने जहां खुद को पार्टियों के मुकाबले स्टैंड करना बड़ी चुनौती है वहीं चुनाव चिन्ह लोगों के बीच पहुंचाना भी आसान काम नहींहै। ऐसे में वो किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।