Navratri 2020: यहां रेणुका माता तीन रूपों में देती हैं दर्शन, तेल से ठीक होते हैं कैंसर के मरीज
Navratri 2020 मंदिर में करीब 60 साल से अखंड ज्योति प्रज्वलित है। तेल शरीर पर लगाने से कैंसर के मरीज तक ठीक हो जाते हैं।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 23 Oct 2020 11:26:48 AM (IST)
Updated Date: Fri, 23 Oct 2020 11:36:44 AM (IST)
बैतूल Navratri 2020। बैतूल जिले के आमला विकासखंड में आने वाले ग्राम छावल में आदि शक्ति मां रेणुका का ऐसा एक अनोखा मन्दिर स्थित है, जहां मां रेणुका तीन बार रूप बदलती हैं। जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर छावल गांव में स्थित मां रेणुका का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। छोटी सी पहाड़ी पर बने इस मन्दिर में मां रेणुका की अनोखी प्रतिमा है। मान्यता है कि यहां स्थित मन्दिर में एक दिन में देवी तीन रूप बदलती हैं।
मां रेणुका सुबह नन्हीं बालिका के स्वरूप तो, दोपहर में मां के चेहरे का तेज बढ़ जाता है और शाम को मां रेणुका ममतामयी सौम्य करुणा के रूप में नजर आने लगती हैं। कथाओं के अनुसार पहाड़ी पर बना यह मन्दिर लगभग 450 साल पुराना है। मां रेणुका की जो प्रतिमा मन्दिर में स्थापित है, वह यहीं से प्रकट हुई थी। मन्दिर के प्रारंभ से लेकर अब तक गोस्वामी परिवार ही यहां पूजा करता चला आ रहा है।
गोस्वामी परिवार की पांचवी पीढ़ी के पुजारी गणेश गिरी ने बताया कि हर दिन मां के इस चमत्कार को वे ही नहीं, यहां आने वाले भक्त महसूस करते हैं। उनके मुताबिक मंदिर में करीब 60 साल से अखंड ज्योति प्रज्वलित है। ग्रामीण सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु मां रेणुका की कृपा के गवाह हैं।
नवरात्र में दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दरबार के पास अखंड ज्योति प्रज्वलित करने आते हैं। मंदिर के पुजारी के मुताबिक मां की महिमा अनूठी है। हर भक्त की मां मुराद पूरी करती हैं। भक्तों की ऐसी मान्यता है कि मां के दरबार में वर्षों से जल रही अखंड ज्योत का तेल शरीर पर लगाने से कैंसर के मरीज तक ठीक हो जाते हैं।