बड़वानी। नईदुनिया प्रतिनिधि। Madhya Pradesh News हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था का कें द्र रहे 'मां नर्मदा" के तट अब सुरक्षित नहीं हैं। सरदार सरोवर बांध के चलते नदी से जलाशय में बदल चुकी नर्मदा में अब आए दिन खतरनाक जलीय जीव-जंतू देखे जा रहे हैं। जिले के अंजड़ क्षेत्र के डूब प्रभावित क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन बुधवार को नर्मदा कि नारे पर बड़ा मगरमच्छ देखा गया। ग्रामीणों में भय की स्थिति है।
उल्लेखनीय है कि नर्मद तटों पर आए दिन पुण्य स्नान करने वालों की भीड़ लगती है। 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। इस दिन भी बड़ी संख्या में लोग नर्मदा तट पर पुण्य स्नान व पूजन के लिए पहुंचेंगे। लेकि न वर्तमान में नर्मदा तट पर बड़ी जलीय जीवों की हलचल होने से अब पुण्य स्नान जोखिम भरा रहेगा।
बुधवार सुबह ग्राम छोटा बड़दा के पास ग्रामीणों ने करीब 14 फीट लंबा मगरमच्छ देखा, जो करीब आधा घंटा कि नारे पर बना रहा। लेकि न फिर आसपास मोटर लगी नावों का शोर होने से वह नर्मदा के पानी में चला गया। वहीं मंगलवार को ग्राम जांगरवा के समीप नर्मदा तट पर एक बड़ा मगरमच्छ देखा गया था। यह स्थिति अब नर्मदा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरे की घंटी के समान है।
नाविक ने लिए मगरमच्छ के फोटो
ग्राम छोटा बड़दा के नाविक नरेंद्र के वट ने बताया कि बुधवार सुबह जब वे और उनके साथ कु छ अन्य लोग नाव से मुक्तिधाम घाट से थोड़ा आगे की ओर बढ़े तो कि नारे पर करीब 14 फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई दिया। नरेंद्र ने मोबाइल से मगरमच्छ के फोटो लिए। इसके बाद ग्रामीणों ने सूचना वन विभाग के अधिकारियों को भी दी।
पानी रुकने से बढ़ी गतिविधियां
ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी नर्मदा के विभिन्न् तटों पर अजगर, तेंदुआ, लकड़बग्घा व अब मगरमच्छ के दिखाई देने से ग्रामीणों में भय है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मगरमच्छ अधिकांश मरी हुई मछलियां या अन्य मृत जीव खाते हैं। इनके कम गहराई के पानी में आने की संभावना कम ही रहती है। लेकि न इसके बावजूद खतरे से इनकार नहीं कि या जा सकता। इस बार बांध को पूरा भरने के बाद पानी रुकने से यह सब गतिविधियां बढ़ी हुई है।
इनका कहना है
नर्मदा तटों पर मगरमच्छ दिखने की सूचना मिली है। इसके लिए डीएफओ से चर्चा की है। लगातार वॉचिंग रखी जाएगी। वहीं, यदि मगरमच्छ या अन्य बड़े जलीय जीवों को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता भी हुई तो वन विभाग के माध्यम से बुलवाएं जाएंगे।
-अमित तोमर, कलेक्टर बड़वानी
बुधवार सुबह ग्राम छोटा बड़दा के लोगों द्वारा जानकारी मिलने पर वनरक्षक चौकीदार और नाके दार को ग्राम छोटा बड़दा और आंवली कि नारे तटों पर सर्चिंग करने के लिए भेजा गया था। हालांकि जब तक वे लोग पहुंचे मगरमच्छ पानी में चला गया। संभवत: नर्मदा के बैकवॉटर के चलते जलीय जीव-जंतुओं की गतिविधियां बढ़ी है। अब लगातार नर्मदा तटों पर निगाह रखी जाएगी। साथ ही ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी जाएगी।
- उमाशंकर सोनी, रेंजर राजपुर वनपरिक्षेत्र बड़वानी