बड़वानी, नईदुनिया प्रतिनिधि, Allahabadi Amrud। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों में विशेष रूप से फलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इनमें केले, अमरूद, सीताफल, पपीता, चीकू आदि शामिल हैं। इन दिनों अमरूद की फसल बहार पर है। वहीं अमरूद की विशेष किस्म इलाहाबादी अमरूद की मांग अधिक है। इलाहाबादी अमरूद ना सिर्फ बड़वानी जिले व मध्य प्रदेश के शहरों में बल्कि आसपास के प्रदेशों महाराष्ट्र व गुजरात में भी खूब पसंद किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि जिले में करीब 2000 हेक्टेयर में अमरूद की बागवानी होती है। अमरूद के 300 से अधिक बगीचे लगे हुए हैं। बेहतर बारिश और वर्तमान में अच्छा मौसम होने से अमरूद की उपज बेहतर हुई है। इस समय फलों के तुड़वाई का दौर जारी है। इलाहाबादी अमरूद प्रदेश के शहरों सहित बड़ौदा, अहमदाबाद, छोटा उदयपुर, शहादा, पुणे आदि शहरों में भेजा जा रहा है।
मौसम का मिला साथ तो बड़ी उपज
जिला मुख्यालय के समीप ग्राम बोरलाय के किसान रूपचंद पाटीदार ने बताया कि 8 एकड़ में इलाहाबादी अमरूद का बगीचा लगाया है। फिलहाल मौसम का साथ मिलने से अच्छा उत्पादन हो रहा है। फलों की हर चौथे दिन तुड़वाई हो रही है। किसान ने बताया कि गत वर्ष अधिक बारिश होने से फ्लावरिंग पर असर पड़ने के कारण उत्पादन कम हुआ था। अमरुद के थोक व्यवसाई राजू कानपूरे ने बताया कि जिले में उत्पादित होने वाला इलाहाबादी अमरूद प्रदेश के शहरों सहित पड़ोसी प्रदेशों में भी भेजा जा रहा है। थोक में इलाहाबादी अमरूद का भाव 35 से ₹40 किलो है। वहीं खुले बाजार में 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
विटामिन सी का स्रोत होने से बढ़ी मांग
उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अजय चौहान ने बताया कि जिले में लगने वाले फलों की मांग कई प्रदेशों में है। कोरोना संक्रमण चलते लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आई है। अमरूद विटामिन सी का प्रमुख स्त्रोत है। इसके चलते इन दिनों अमरूद की मांग बढ़ी है।