Balaghat News : नईदुनिया न्यूज, वारासिवनी। एपीटी एंड संस रमरमा माइंस के मजदूरों को यहां के कुप्रबंधन का शिकार हो गया। एपीटी मिनरल्स रमरमा में रात्रि की पाली में कार्यरत अस्थायी मजदूर मुकेश वरकड़े (19) का पैर कंवेयर बेल्ट की चपेट में आने से उसका पैर घुटने के नीचे से काटना पड़ा। बताया गया कि मुकेश कंवेयर मशीन की मोटर चालू करने गया था। इसी दौरान उसका पैर कंवेयर बेल्ट की चपेट में आ गया और उसका पैर कटकर दूर जा गिरा।
पिता का कहना है कि मुकेश की मां लकवा ग्रस्त हैं। बेटे का पैर कट जाने से अब उन्हें ही मुकेश को सहारा देंगे। मुकेश को गंभीर हालत में बालाघाट के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अक्सर अंडर ग्राउण्ड एवं ओपन खदान में उच्च सुरक्षा मानकों के पालन करने का दावा किया जाता है। बावजूद इसके खदान के भीतर हाल फिलहाल में ही कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं। बावजूद इसके माइंस प्रबंधन लगातार हो रहीं दुर्घटनाओं से कोई सबक न लेकर दुर्घटना में घायल हो रहे मजदूरों की ही लापरवाही बता रहा है।
मजदूरों ने बताया कि माइंस प्रबंधक दबाव में मन चाहा कार्य करवाते हैं। चाहे वह मजदूरी हो या कार्य विभाजन। विरोध करने पर नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। इससे पूर्व हुई दुर्घटनाओं में पीडितों को माइंस प्रबंधन की ओर से मुआवजे के नाम पर अपर्याप्त राशि देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती हैं। जानकारी के अनुसार मुकेश ठेका कंपनी का कर्मचारी है। उसकी पूरी जवाबदारी ठेका कंपनी की है।
नागपुर के ठेका कंपनी के संचालक अजय खंडेलवार हैं। दुर्घटना के बाद अब तक ठेकेदार ने घायल मजदूर की कोई सुध नहीं ली और न ही कोई संवेदना दिखाई, जिसके कारण मजदूरों मे आक्रोष दिख रहा है। सीटू यूनियन के प्रमुख सचिव संतोष मंडलवार ने बताया कि पीड़ित एवं उसके परिवार को मुआवजा एवं स्थायी नौकरी सहित अन्य मांग माइन प्रबंधन के सामने रखी है। वहीं, माइन मैनेजर मधुकर चौधरी का कहना है कि मुकेश स्वयं मोटर चालू करने गया था या किसी के आदेश पर चालू करने गया था, यह जांच का विषय है। नियमानुसार जो भी उनका अधिकार है, प्रदान किया जाएगा।