आर्मी की भर्ती प्रक्रिया से बाहर होने पर मानसिक तनाव में युवक ने खाया चूहा मार
हर पिता का सपना होता है कि उसका बेटा जिंदगी में उससे भी ज्यादा सफल हो, लेकिन कई युवक मनोदशा के कारण सफल होने से चूक जाते हैं। उन्हें लगता है कि असफलता ही अंतिम है। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश में बालाघाट के ग्राम टाटीघाट थाना परसवाड़ा में रहने वाले सुरेश मरावी के साथ भी हुआ।
By Mahesh Chouhan
Publish Date: Thu, 14 Nov 2024 02:45:27 PM (IST)
Updated Date: Thu, 14 Nov 2024 02:45:27 PM (IST)
मेडिकल टेस्ट के बाद बाहर होने से वह मानसिक तनाव में रहने लगा था नईदुनिया। HighLights
- चार दिन पहले वह आर्मी में भर्ती होने के लिए जबलपुर गया था।
- रात्रि में अचानक सुरेश की तबीयत बिगड़ी और उल्टी करने लगा।
- अभी पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहा।
नईदुनिया, बालाघाट (Balaghat News)। आर्मी की भर्ती प्रक्रिया में मेडिकल टेस्ट से बाहर निकाले जाने के मानसिक तनाव में आकर एक युवक ने चूहा मार दवाई का सेवन कर लिया है। यह युवक सुरेश पिता तीजु मरावी 21 वर्ष ग्राम टाटीघाट थाना परसवाड़ा निवासी है। जिसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
भटेरा चौकी बालाघाट में किराए से रहता है
सुरेश मरावी के माता-पिता खेती किसानी करते हैं और वह खेती किसानी के साथ पढ़ाई भी कर रहा है जो कक्षा 12 वीं पास हो चुका है और भटेरा चौकी बालाघाट में किराए से रहकर पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहा है।
मेडिकल टेस्ट के बाद तनाव में रहने लगा
चार दिन पहले वह आर्मी में भर्ती होने के लिए जबलपुर गया था। आर्मी की भर्ती प्रक्रिया में वह मेडिकल टेस्ट के बाद भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। मेडिकल टेस्ट के बाद बाहर होने से वह मानसिक तनाव में रहने लगा था।
रात्रि में तबीयत बिगड़ी और उल्टी करने लगा
- सुरेश ने मानसिक तनाव में आकर चूहा मार दवाई का सेवन कर लिया।
- रात्रि में अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई और उल्टी करने लगा था।
- रूम के पास रह रहे दोस्त विनय इनवाती ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
यह भी पढ़ें : सजा काट रहे दुष्कर्मी की उपचार के दौरान हुई मौत
बालाघाट की जेल में दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे एक कैदी की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है, जिसकी सूचना अस्पताल चौकी पुलिस को मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद कर पंचनामा कार्रवाई को पूर्ण किया है। परिजनों के पहुंचने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व न्यायायिक अधिकारी की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है, मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया गया है।
उल्टी, दस्त होने पर कराया था भर्ती
रामेश्वर पिता भूरासिंह मेश्राम जाति ढीमर आमगांव मुंडापारा महाराष्ट्र निवासी है जो कि बालाघाट जिला जेल में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 2019 से बंद था। जिसे मार्च 2024 में न्यायाधीश द्वारा दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया था। जिसके चलते वह जिला जेल में सजा काट रहा था।
चिकित्सक बोले-जिला जेल से अस्पताल के बीच उसे अटैक आ गया
मंगलवार की देरशाम उसे उल्टी व दस्त होने पर जेल स्टाफ ने चिकित्सक को इसकी सूचना दी और चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार कर उसे जिला अस्पताल में उपचार के लिए भिजवाया, जिला अस्पताल में लाने पर चिकित्सक चेक कर उसका उपचार कर रहे थे कि इसी दौरान उसकी मौत हो गई। चिकित्सक ने बताया कि जिला जेल से अस्पताल के बीच उसे अटैक आ गया जिससे उसकी मौत हो गई हैं।