सचिन शर्मा, अशोकनगर। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया को पराजित कर चुके डा. केपी यादव का टिकट भाजपा ने इस बार काट दिया है। सांसद निर्वाचित घोषित होने के बाद डा. केपी यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों के बीच लगातार शीत युद्ध के हालात रहे। इस दौरान कई बार भाजपा हाईकमान को दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइश देना पड़ी। पांच साल का दौर पूरा होते-होते एक बार फिर से लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और इस बार भाजपा ने सांसद डा. केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया है। इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में डा. केपी यादव को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। डा यादव की आगामी राणनीति क्या होगी? उनका राजनीतिक भविष्य क्या रहेगा? ऐसे कई सवालों को लेकर नवदुनिया ने उनका साक्षात्कार किया। इस साक्षात्कार के दौरान कई बार डा. केपी यादव तीखे सवालों पर मुस्कुराते हुए मौन रहे तो कई सवालों पर उन्होंने व्यंग्यात्मक जवाब भी दिए।
सवाल- विगत चुनाव में अपने ज्योतरादित्य सिंधिया को इसी सीट से पराजित किया था। इस बार आपका टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है, इसे आप कैसा निर्णय मानते हैं?
जवाब - शीर्ष नेतृत्व का निर्णय रहता है। भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। जब पार्टी में प्रत्याशी का चयन होता है तो वहां सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को ही चुनते हैं। हो सकता है मेरे साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का प्रदर्शन मुझसे बेहतर रहा हो।
सवाल - आप कह रहे हैं उनका प्रदर्शन आपसे बेहतर रहा हो, लेकिन पिछले चुनावों में आपने सवाल उठाए थे और आपको जीत मिली थी? आपको नहीं लगता कि जनता के चयन को पार्टी ने पलट दिया?
जवाब - देखिए पहली चुनौती टिकट होती है और वह पार्टी डिसाइड करती है कि हमें किसको देना है। वे आक्सफोर्ड और विदेशों में पढ़े हुए हैं। और पार्टी ने उनको मुझसे बेहतर समझा होगा।
सवाल - डा. यादव ने फिर ऐसे कौन से गलत काम किए तो पार्टी को आखिर टिकट काटना पड़ा?
जवाब - हमारी पार्टी ने कई बड़े नेताओं को अलग-अलग दायित्व दिए। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल आदि को विधानसभा चुनाव लड़ाया। आज यहां चुनाव होना था तो उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उपयुक्त समझा, इसलिए यहां से टिकट दिया।
सवाल - आज टिकट कटने के बाद आप कहां नजर आते हैं?
जवाब - हो सकता है कि पार्टी ने मेरे लिए कोई और दायित्व सोचकर रखा होगा। मेरी उपयोगिता कहीं और अधिक होगी। इसलिए वहां दायित्व दे देंगे। वैसे भी हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं, जो सबसे बड़ा दायित्व है।
सवाल - कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से आपसे संपर्क करने का प्रयास किया गया क्या?
जवाब - न ही विपक्ष के नेताओं से बात हुई न ही संपर्क में हूं। मीडिया के माध्यम से ही सुना है।
सवाल - इस लोकसभा चुनाव में आप तो चुनाव नहीं लड़ रहे, अब आपकी भूमिका क्या होगी?
जवाब - एक सांसद के रूप में मेरा दायित्व बनता है कि मैं अपनी लोकसभा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा वोटों से भाजपा को विजय बनाऊं। मेरी कोशिश रहेगी कि प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लाखों लोगों को मिला है। इसलिए रिकार्ड बहुमत से हमारी पार्टी जीतेगी।
सवाल - क्या टिकट वितरण के बाद आपसे भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा संपर्क किया गया ?
जवाब - मैं कोर कमेटी में हूं। कोर कमेटी में दिशा-निर्देश मिलेंगे कि क्या काम करना है। कोर कमेटी की बैठक में दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसके तहत काम करेंगे।
सवाल - गुना लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता यादव समाज के हैं। आपका टिकट कटने से कितना असर पड़ेगा?
जवाब - हमारे प्रधानमंत्री ने समाज को चार वर्गों में बांटा है। जिसमें पहला गरीब, दूसरा किसान, तीसरा युवा और चौथा वर्ग महिला वर्ग है। पिछली बार मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को मौका दिया गया था। भाजपा ने सभी प्रमुख वर्गों का ध्यान रखा है।