एक राज्य, जो शायद ही कर पाए वोटिंग!
सोमवार सुबह सभी सरकारी दफ्तर भी बंद रहे। आवागमन के साधन भी ठप्प रहे। बंद समर्थकों ने प्रमुख मार्ग जाम कर दिए हैं।
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Publish Date: Mon, 07 Apr 2014 09:37:24 AM (IST)
Updated Date: Mon, 07 Apr 2014 11:38:05 AM (IST)
आयजॉल (मिजोरम)। मिजोरम की एक मात्र संसदीय सीट के लिए नौ अप्रैल को वोट पड़ने हैं, लेकिन यहां घोषित 72 घंटे के बंद ने मतदाताओं को भारी दुविधा में डाल दिया है।
प्रदेश के युवा संगठनों, एनजीओ और महिला समूहों द्वारा घोषित इस बंद में लोगों से कहा गया है कि वे 10 अप्रैल तक घरों से बाहर न निकलें। ऐसे में आशंका जताई है कि हो सकता है इस बार मिजोरम में वोटिंग न हो पाए।
रविवार शाम को राजधानी आयजॉल में बंद का एलान किया गया था। तब से अधिकांश दुकानें बंद हैं। सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग नजर आ रहे हैं।
सोमवार सुबह सभी सरकारी दफ्तर भी बंद रहे। आवागमन के सारे साधन भी ठप्प रहे। बंद का समर्थन करने वाले संगठनों ने प्रमुख मार्ग जाम कर दिए हैं।
चुनाव आयोग की टीमों का मतदान केंद्रों पर दौरा करने का कार्यक्रम है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि अब यह कैसे संभव होगा। बताते हैं कि कई टीमों पर अब तक रवाना हो जाना था, लेकिन केवल एक ही टीम रवाना हो पाई है।
क्यों है बंद?
बंद को समर्थन करने वाले संस्थान चुनाव आयोग से खफा हैं। दरअसल, आयोग ने ब्रू शरणार्थियों को भी मिजोरम में वोट देने का अधिकार दिया है। विरोध करने वालों का कहना है कि ये 17 साल पहले मिजोरम छोड़कर चले गए थे, फिर इन्हें वोट देने का अधिकार कैसे दे दिया गया।