आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने की यह बड़ी साजिश थी। इसमें चेन्नई की बाढ़ के बीच सोशल मीडिया पर पुलिस से पिटते संघ स्वयंसेवकों के फोटो पोस्ट किए गए। इसमें उन्हें चेन्नई में आपदा के समय लूट करते हुए पुलिस द्वारा पकड़ा गया बताया गया है। सच यह है कि यह नईदुनिया के सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण, आगरा में पहले पेज पर छपी तीन साल पहले की फोटो है।
आगरा के टेढ़ी बगिया में संघ कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के दौरान यह छपी थी। घटना की जानकारी के बाद मंगलवार शाम को चोर बताए गए स्वयंसेवक, भाजपा नेता और संघ पदाधिकारियों के साथ एसएसपी आवास पहुंच गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्र्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री सहित फोटो शेयर करने वाले दूसरे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ तहरीर दी है।
आगरा में 11 नवंबर, 2012 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 70-80 स्वयंसेवकों ने साइकिल यात्रा निकाली थी। यह आंवलखेड़ा से वापस रामबाग लौट रही थी। इसी बीच टेढ़ी बगिया पर स्कॉर्पियो सवार युवकों ने टक्कर मार दी। विरोध पर स्वयंसेवकों को पीट दिया। विरोध दर्ज कराने पहुंचे स्वयंसेवकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। 'दैनिक जागरण' ने 12 नवंबर, 2012 के आगरा अंक में घटना के फोटो प्रकाशित किए। स्वयंसेवक को पीटते पुलिसकर्मियों का यह फोटो करीब तीन साल बाद छह दिसंबर को अचानक फेसबुक पर पोस्ट कर दिया गया। इसको कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री के फोटो और नाम वाले फेसबुक प्रोफाइल से शेयर और टैग किया गया। इस पर कैप्शन लिखा गया कि चेन्नई आपदा में मदद के बहाने चोरी करते पकड़े गए संघ के कार्यकर्ता। इसमें एक प्रमुख न्यूज चैनल के लोगो का भी इस्तेमाल किया था।
यह पोस्ट आगरा में शेयर होते ही सच सामने आ गया। पोस्ट में जो तस्वीर दिखाई है, वह टेढ़ी बगिया में लाठीचार्ज के दौरान फतेहपुर सीकरी निवासी संघ प्रचारक अजीत चाहर की थी। मंगलवार को भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय व संघ पदाधिकारियों के साथ अजीत चाहर एसएसपी आवास पहुंचे। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। इस पर एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।