एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Mandakini And Raj Kapoor: पुराने जमाने की फिल्मों और एक्ट्रेसेस की बात कुछ और ही होती थी। आज भी हम उस जमाने के लोगों को ये कहते हुए सुनते हैं कि तब फिल्मों को कुछ अलग तरह से पेश किया जाता था। जहां अब लगता है कि बिना मेकअप के स्क्रीन पर नहीं आया जा सकता है, वहीं उस जमाने में राज कपूर इस बात को बिल्कुल नहीं मानते थे। उनका कहना था कि सादगी में ही ज्यादा खूबसूरती है। वे अपनी अधिकतर फिल्मों में एक्ट्रेसेस को सफेद साड़ी पहनाते थे। यह बहुत ही दिलचस्प बात है।
आज हम आपको मंदाकिनी और राज कपूर से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें बाॅलीवुड एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया था।
बाॅलीवुड एक्ट्रेस मंदाकिनी 70 के दशक की सबसे खूबसूरत और बेहतरीन एक्ट्रेसेस में से एक मानी जाती थीं। मंदाकिनी का जन्म एक एंग्लो इंडियन परिवार में हुआ था। उनके पिता एक ब्रिटिश थे और उनकी मां एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती थीं। मंदाकिनी बचपन से ही फिल्मों में काम करना चाहती थीं।
1985 में राज कपूर अपने छोटे बेटे राजीव कपूर को लेकर एक फिल्म बना रहे थे। उन्होंने राजीव के अपोजिट पहले डिंपल कपाड़िया को कास्ट किया था, लेकिन जब उन्होंने मंदाकिनी को देखा, तो अपना इरादा बदल लिया।
राज कपूर ने डिंपल कपाड़िया की जगह अपनी फिल्म में मंदाकिनी को लीड रोल में कास्ट किया। मंदाकिनी का असली नाम यास्मीन था, लेकिन राज कपूर ने उनका नाम बदलकर मंदाकिनी रख दिया था। वे राज कपूर ही थी, जिन्होंने बाॅलीवुड में सफेद साड़ी में एक्ट्रेसेस को पेश करने का ट्रेंड शुरू किया। मेरा नाम जोकर में पद्मिनी, संगम में वैजयंती माला, राम तेरी गंगा मैली में मंदाकिनी, सत्यम शिवम सुन्दरम में जीनत अमान और आवारा में नरगिस को राज कपूर ने सफेद साड़ी में पेश किया था।
उनका मानना था कि सादगी में अभिनेत्रियां ज्यादा खूबसूरत लगती हैं, इसलिए में अधिकतर सफेद साड़ी में एक्ट्रेसेस को अपनी फिल्मों में प्रेजेंट करते थे। वहीं, मंदाकिनी इंडियन और वेस्टर्न दोनों ही रोल में फिट हो जाती थीं। इस कारण में उस समय की पॉपुलर एक्ट्रेस थीं। उन्होंने कई फिल्में की, जो सुपरहिट साबित हुई।