एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Moushumi Chatterjee: बॉलीवुड के हर दौर में बेहतरीन कलाकार आए हैं और उन्होंने अपनी कलाकारी से अलग ही छाप छोड़ी है। कुछ कलाकारों को तो आज भी याद किया जाता है और उन पर चर्चा भी की जाती है।
आम जनता से लेकर बॉलीवुड सेलेब्स तक हम कई शोज में देख चुके हैं कि पुराने सितारों की एक्टिंग की दाद दी जाती है, इन्हीं कलाकारों में से एक रहीं 70 और 80 के दशक की खूबसूरत अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने अपनी एक्टिंग से ज्यादा अपनी खूबसूरती से नाम कमाया था।
मौसमी चटर्जी के फिल्म करियर से ज्यादा उनकी पर्सनल लाइफ काफी सुर्खियों में रही थी। मौसमी की बॉलीवुड में एंट्री इतनी आसान नहीं थी, इसमें उनके पति ने उनका काफी साथ दिया था। आज हम आपको मौसमी चटर्जी की बॉलीवुड एंट्री से जुड़ा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसे बॉलीवुड एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया था।
मौसमी एक ऐसी एक्ट्रेस थीं, जो बंगाल इंडस्ट्री से हिंदी फिल्मों में आई थीं। वे बंगाल की टॉप मोस्ट एक्ट्रेस मानी जाती थीं। मौसमी का जन्म 1955 कलकत्ता के एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। उनका असली नाम इंद्रा है। उनकी बड़ी बहन ने ही उनका फिल्मी नाम मौसमी रखा था।
मौसमी के घर के आसपास कई फिल्मी स्टूडियो थे। वे हमेशा सोचती थीं कि वे फिल्मों में काम करें, उनका भी मेकअप हो और वे भी खूब फेमस हों। वे बचपन से ही फिल्मों में काम करना चाहती थीं और उन्हें यह मौका मिला 1967 में।
उस जमाने के फेमस डायरेक्टर तरुण मजूमदार एक बंगाली फिल्म बना रहे थे, जिसके लिए उन्होंने मौसमी चटर्जी को साइन किया। मौसमी को लीड रोल मिला और उस फिल्म का नाम था बालिका-वधू।
मौसमी चटर्जी की पहली हिंदी फिल्म का नाम 'अनुराग' था। पहली ही हिंदी फिल्म में उन्हें ऐसा रोल मिला था कि उनके लिए निभाना काफी मुश्किल हो गया। उन्होंने इस फिल्म में एक अंधी लड़की का रोल प्ले किया था।
इसके बाद 1974 में एक्टर मनोज कुमार ने मौसमी को अपनी फिल्म 'रोटी, कपड़ा और मकान' के लिए साइन किया। उन्होंने अपने दौर के सभी बड़े हीरोज विनोद खन्ना, विनोद मेहरा, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, धर्मेंद्र और शशि कपूर के साथ काम किया था।
बेनाम फिल्म में उन्होंने सिर्फ 17-18 साल की उम्र में ही मां का रोल प्ले कर लिया था, वो भी अमिताभ बच्चन के साथ। कई सालों तक लीड रोल प्ले करने के बाद मौसमी चटर्जी साइड कैरेक्टर प्ले करने लग गईं।