Shoaib Ibrahim-Dipika Kakar: टेलीविजन इंडस्ट्री के फेमस कपल दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम पिछले काफी समय से सुर्खियों में हैं। एक्ट्रेस ने हाल ही में एक बेटे को जन्म दिया है। दीपिका की डिलीवरी जुलाई में होनी थी, लेकिन प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण उनका बेबी जून में ही पैदा हो गया। इस समय कपल के बेटे को डाॅक्टर्स की निगरानी में रखा गया है। हाल ही में शोएब ने अपने बेटे का हेल्थ अपडेट फैंस के साथ शेयर किया है। बता दें कि दीपिका और शोएब पांच साल के बाद माता-पिता बने हैं। उन्होंने इस बार अपने बेटे संग हॉस्पिटल में ही ईद-उल-अदहा मनाया।
शोएब ने अपने व्लाॅग में इस बात की जानकारी दी है कि वे कैसे शूटिंग और हॉस्पिटल के बीच अपना टाइम मैनेजमेंट करते हैं। साथ ही उन्होंने अपने बेटे की तबीयत के बारे में भी बताया। दीपिका ने बताया कि उनका बेटा अब ठीक हो रहा है। उसकी डाइट बढ़ गई है। उन्होंने कहा 'छोटू को देखकर और उसे शोएब के साथ घुलते-मिलते देखकर मुझे खुशी होती है। धीरे-धीरे इसकी सेहत में सुधार भी हो रहा है। अब हम उसका चेहरा साफ देख सकते हैं।' कपल ने हॉस्पिटल में ईद सेलिब्रेट की, जिसकी कुछ झलकियां उनके व्लाॅग में देखने को मिली।
बता दें कि दीपिका कक्कड़ की सी-सेक्शन डिलीवरी हुई है। उनकी तबीयत भी कुछ खराब थी, लेकिन वे अब वे ठीक हो रही हैं। इससे पहले दीपिका ने व्लाॅग में बताया 'हम शोएब के बर्थडे के डिनर के बाद तकरीबन 1 बजे घर लौटकर आए थे। हमने चेंज किया और मैं लेटी हुई थी, तभी मुझे पानी का झोंका महसूस हुआ। इससे पहले ऐसा होता था कि जब बच्चा अपना सिर अंदर की ओर धकेलता है तो आपका अपने यूरिन पर कोई कंट्रोल नहीं रह जाता है। मैंने सोचा कि ये वही था, मैंने वॉशरूम में जाकर देखा तो वो पानी जैसा था, कलरलेस था। मुझे वैसी ही ऐंठन हुई जैसी पीरियड्स के दौरान होती है।'
'मैंने इसे पहली बार महसूस किया। शोएब आए और मैं अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रही थी कि ऐसा दोबारा हुआ और मैं थोड़ा अलर्ड हो गई। मैं लेट गई तो वाॅटर का फ्लो तेज हो गया और मैं सीधे बैठ गई। मैं घबरा गई क्योंकि ये नैचुरल नहीं था। फिर जब मैं उठी तो मेरी ड्रेस और बेडशीट कुछ पिंक सी लग रही थी। मैं डर गई। मैंने शोएब से डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा, जब मैं खुद को क्लीन करने गई तो मैंने वाइप्स पर ब्लड देखा, मैं देखकर सन्न रह गई।'
'करीब 3 बजे डॉक्टर ने हमें हॉस्पिटल आने की सलाह दी और कहा डिलीवरी हो सकती है। मुझे रोने का मन हो रहा था, मैं परेशान थी और कई ख्याल मन में आ रहे थे। मैंने कहा, ब्लड क्यों। शोएब ने मुझे देखा और थोड़ा रुके। उन्होंने मुझे शांत रहने को कहा और हॉस्पिटल बैग मांगा। 22 जून को हमारा स्कैन हुआ था। इसलिए हम हाॅस्पिटल बैग के लिए तैयार नहीं थे। हम फिर निकल गए।'
इसके आगे उन्होंने कहा 'मैं कार में बैठी और अपने बच्चे से बात की और उसे मूवमेंट करने के लिए कहा। मैं बहुत डर गई थी और फिर वो थोड़ा सा हिला। फिर मैंने खुद को संभाला और सभी ने मुझसे कहा था कि डिलीवरी के दौरान घबराना नहीं चाहिए। मां के लिए शांत रहना बहुत जरूरी है तो प्रोसेस आसान हो जाता है। उसके बाद कार में मैं फुल मस्ती मूड में थी। बीच-बीच में दर्द बढ़ता गया। जब तक मैं ओटी पहुंची दर्द 15 मिनट के अंतराल पर था। बच्चे का ईसीजी किया गया और हमें पता चला कि ये नॉर्मल था। उसके बाद मुझे आराम लगा। मेरे मन में कई सारे ख्याल थे, लेकिन मैं शांत रही। सबा और सनी को देखकर मुझे भी काफी खुशी हुई। मैं हमेशा चाहती थी कि वे मौजूद रहें और वे वहां मौजूद थे।'
'मेरा दर्द बढ़ता रहा और डॉक्टरों ने डिलीवरी की सलाह दी और फिर हमें अस्पताल भी बदलना पड़ा क्योंकि दूसरे अस्पताल में एनआईसीयू नहीं था। मेरे डॉक्टर भी आए थे। जब मुझे ओटी में ले जाया गया, तो शोएब को अपनी ड्रेस बदलने के लिए भेजा गया। मैं चाहती थी कि वे मौजूद रहें। मैने अपनी डॉक्टर को देखा और मैं बस रोई क्योंकि मुझे राहत महसूस हुई। मैंने बस उनसे पूछा कि क्या मेरा बच्चा ठीक होगा। उन्होंने मुझे भरोसा दिया और कहा कि बच्चे को एनआईसीयू में रखा जाएगा क्योंकि ये प्रीमैच्योर डिलीवरी है।'