एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Throwback Thursday: बाॅलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने हिंदी सिनेमा में एक अलग ही लेवल सेट किया है। उन्होंने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। उनके साथ काम करने का सपना हर कलाकार का होता था। वहीं, निर्देशक सुभाष घई ने भी सिनेमा में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। एक समय सुभाष घई और अमिताभ बच्चन एक साथ काम करने वाले थे। दोनों साथ आए, पिक्चर की शूटिंग भी शुरू हुई, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि फिल्म पूरी ही नहीं हो पाई।
जिस फिल्म में अमिताभ बच्चन और सुभाष घई एक साथ काम करने वाले थे, वो दो हफ्तों की शूटिंग के बाद ही बंद हो गई। आज हम आपको फिल्म 'देवा' का दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं। सुभाष घई ने 37 साल पहले 1987 में एक प्रेस काॅन्फ्रेंस के दौरान इस बात की घोषणा की थी कि वे फिल्म देवा बना रहे हैं। इस फिल्म में लीडिंग एक्टर अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा थे। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन डाकू का किरदार निभाने वाले थे। सेट से शूटिंग के दौरान की उनकी एक फोटो भी वायरल हुई थी। उनके उस लुक को देख लोगों को उन्हीं की फिल्म खुदा गवाह की याद आ गई थी।
कर्मा के बाद फिल्म देवा में सुभाष घई के लिए काफी स्पेशल फिल्म थी। इस फिल्म की शूटिंग शुरू हुई, लेकिन दो हफ्तों में अचानक ही फिल्म देवा की शूटिंग रुक गई। दरअसल, जब देवा फिल्म की शूटिंग शुरू हुई, तो अमिताभ बच्चन और सुभाष घई के बीच क्रिएटिव डिफरेंस आने लगे, जिसके कारण शूटिंग बंद करनी पड़ी। दोनों के बीच की दूरियां खत्म नहीं हुई और न ही फिल्म की शूटिंग दोबारा शुरू हो पाई। बताया गया था कि फिल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ समय पर सेट नहीं आते थे।
अमिताभ बीमार होने के बाद भी देवा फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। यह बात निर्माता हबीब नाडियाडवाला का पसंद नहीं आई, जिसके कारण उन्होंने सुभाष घई को खरी-खोटी सुना दी। इस बात को सुभाष घई ने दिल पर ले लिया। उन्हें यह बात चुभ गई कि अमिताभ बच्चन स्क्रिप्ट या किसी भी चीज को लेकर उनसे डायरेक्ट बात क्यों नहीं करते थे। उस समय सुभाष को ऐसा लग रहा था कि उनके कद के निर्देशक को ऐसा करके नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में दोनों के बीच की दूरियां बढ़ने लगी और फिल्म बंद हो गई।
इस बारे में बात करते हुए सुभाष घई ने कहा था, मेरी भी गलती थी, मैं उस समय काफी बेसब्र था। वे हमारी इंडस्ट्री के बेस्ट एक्टर माने जाते हैं। मेरा दुर्भाग्य है कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका दोबारा नहीं मिला। वह बुरे सीन को भी परफेक्शन के साथ करते हैं। मैं भी उस कहानी को उतने अच्छे से नहीं लिख सका था, जितने अच्छे से अमिताभ बच्चन लिखते। हम दोनों काफी करीबी फैमिली फ्रेंड हैं। मैं उनकी दिल से सराहना करता हूं। शायद हमारा साथ में करना लिखा ही नहीं था।