राघव तिवारी, इंदौर। Rajkumar Rao: नेत्रहीन का किरदार निभाना आसान नहीं था। इससे पहले मैंने ये किरदार कभी किया भी नहीं था और आसपास ऐसा रिफरेंस नहीं था तो उसको निभाने के लिए काफी होमवर्क करना पड़ा। कई सारे ब्लाइंड स्कूल में जाकर बच्चों से और लोगों से मिले। उनके साथ बहुत समय बिताया, बहुत सारे वीडियो बनाए। ताकि बाद में जाकर उनको देख सकें कि कैसे क्या वीडियो आए हैं। श्रीकांत फिल्म बायोपिक हैं, इसलिए श्रीकांत के साथ काफी समय बिताया। उनकी जिदंगी की असलियत को दिखाना, नेत्रहीन लड़के की कहानी दिखाना काफी मुश्किल किरादार था। ये बातें प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता राजकुमार राव ने नईदुनिया से विशेष बातचीत में कहीं।
10 मई को अभिनेता राजकुमार राव की फिल्म 'श्रीकांत: आ रहा है सबकी आंखें खोलने' के प्रमोशन के लिए बुधवार को इंदौर आए। इस दौरान उन्होंने नईदुनिया से विशेष बातचीत की। श्रीकांत बायोपिक है। इसमें नेत्रहीन उद्यमी श्रीकांत के संघर्ष और सफलता की कहानी दिखाई गई है। राव खुद की इंदौर की तारीफ करने से रोक नहीं पाए, बोले मैं पहले भी इंदौर आया हूं। यहां साफ-सफाई और इंदौर के पोहे जलेबी शानदार हैं। इंदौर का फूड बहुत ही अमेजिंग है। जब अभिनेता राव से पूछा गया कि फिल्म के किस सीन में ज्यादा मेहनत करनी पड़ी तो उन्होंने बताया कि पूरी फिल्म में। ईमानदारी से यह किरदार काफी चैलेंजिंग था। केवल कोई एक सीन नहीं बल्कि पूरी फिल्म मुश्किल थी। शुरु से अंत तक अपने दिव्यांगता को मैनटेंन रखना, मेरे पास ऐसा कोई अनुभव नहीं था। जब कोई शारीरिक चैलेंज का किरदार आता है तो उसे इतने समय तक निरंतरता में बनाए रखना काफी मुश्किल है। अन्य सवाल पर बताया कि मेरे परिवार का नाम यादव है, मैं राजकुमार प्रयोग करता था। हरियाणा में यादवों को राव का टाइटल दिया जाता है। लोगों को असमंजस न हो इसके लिए मैंने राव सरनेम का प्रयोग शुरू कर दिया था।
एक साक्षात्कार में अभिनेता राव ने कहा था कि शुरुआती समय में उन्हें आउटसाइडर की वजह से काम नहीं मिलता था। वर्तमान स्थिति के बारे में राव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तो ओटीटी की वजह से कई नए कलाकारों को मौके मिल रहे हैं। जयदीप मेरा सहपाठी है, वह पहले भी किरदार कर रहा था, लेकिन पाताललोक वेवसीरिज से पहचान बन रही है। प्रतिभावान कलाकारों के लिए अभी कई ज्यादा मौके हैं, उसका बहुत बड़ा श्रेय ओटीटी प्लेटफार्म को जा रहा है।
साल 2021 में द व्हाइट टाइगर ही एक मात्र हालीवुड मूवी आई थी। हालीवुड में करियर के बारे में पूछने पर अभिनेता राव ने बताया कि काेरोनाकाल चल रहा था। हालीवुड में मूवी के लिए मुझे ऐलिस जाना था, कई बैठकें करनी थीं लेकिन कोविड-19 की वजह से जाना नहीं हो पाया। इसके बाद यहीं फिल्मों का काम शुरू हो गया, तो यहां इतनी व्यस्ता है कि वहां जाना हो नहीं पा रहा है। हां अगर कोई अच्छा मौका आएगा तो जरुर हालीवुड फिल्में करुंगा।
नई लोगों को फिल्मों में आने के लिए थ्रिएटर करें। कई अच्छे फिल्म स्कूल हैं, पढ़ाई बहुत जरुरी है। तैयार होकर ही मुंबई आएं, सिर्फ एेसे ही न आए जाएं। बहुत कम होता है कि आपमें अभिनय बहुत ज्यादा ईश्वर प्रदत्त है। किसी भी चीज को आप करना चाहते हैं तो पैशन से करें, मेहनत करें। दिल से चाहते हैं और मेहनत के लिए तैयार हैं तो मुंबई में स्वागत है।
असल श्रीकांत को नेत्रहीन होने की वजह से आइआइटी की कोचिंग में दाखिला नहीं मिला था। तो इन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली पर केस कर दिया था। इसके बाद उन्हें अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में दाखिला मिला था। असल जिंदगी में शिक्षा के स्तर पर जब अभिनेता राजकुमार से सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि शिक्षा खत्म किए मुझे काफी वक्त हो गया है। अब बहुत सारे बोर्ड आ गए हैं। मैं सीबीएसई से पढ़ा था। तब इतने बोर्ड नहीं हुआ करते थे। अब सुनने में आता है तो कई नए बोर्ड सुनने में आते हैं। जिंदगी में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, सभी को शिक्षा का अधिकार होना ही चाहिए।
पूरे देश में इस में अभिनेता राजकुमार राव के चेहरे पर प्लास्टिक सर्जरी की बातें हो रहीं। कुछ इसे सही तो कुछ इसे अफवाहें बता रहे हैं। हालांकि राव ने भी एक साक्षात्कार में इसे एडिटेट फोटो करार दिया था। परंतु नईदुनिया ने जब उनसे प्लास्टिक सर्जरी पर सवाल किया तो वह किनारा करते नजर आए। वह नेक्स्ट क्वेश्चन कहकर आगे बढ़ गए।